क्या आपने कभी सोचा है कि ड्यूटी निभाते-निभाते कोई इंसान अपने प्राण भी त्याग सकता है? क्या वर्दी सिर्फ सम्मान की नहीं, बलिदान की भी कहानी होती है? उमरिया जिले की पुलिस लाइन में एक ऐसी ही घटना सामने आई है, जिसने पूरे महकमे को हिला कर रख दिया है। एक अधिकारी, जो हर सुबह ड्यूटी पर निकलता था, इस बार वापस नहीं लौटा… न परिवार के लिए, न अपने सहयोगियों के लिए… बल्कि चला गया एक ऐसी यात्रा पर, जहाँ से कोई लौट कर नहीं आता।
उमरिया पुलिस लाइन में तैनात सहायक उपनिरीक्षक (ASI) लालमणी सिंह, हमेशा की तरह अपने रोजमर्रा के कर्तव्यों में लगे थे। सुबह की चाय, वर्दी की सलामी और थाने की फाइलों के बीच सब कुछ सामान्य था। लेकिन किसे पता था कि यह उनकी ज़िंदगी का आख़िरी दिन होगा?
अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और वे वहीं ज़मीन पर गिर पड़े। अफरातफरी में उनके साथी उन्हें उठाकर जिला अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। कारण – हार्ट अटैक।
लालमणी सिंह के जाने की खबर जैसे ही उनके घर पहुंची, कोहराम मच गया। पत्नी और बच्चे बेसुध होकर रोते रहे, और पूरे मोहल्ले में सन्नाटा छा गया। घर के दरवाज़े पर खड़े लोगों की आंखों में केवल एक सवाल था – “इतनी जल्दी कैसे चले गए?” पुलिस विभाग के आला अधिकारी भी इस दुख की घड़ी में परिवार के पास पहुंचे और हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। परिवार को आर्थिक, भावनात्मक और प्रशासनिक सहयोग देने की प्रक्रिया तत्काल शुरू की गई।
पुलिस लाइन में उनके सम्मान में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। पूरा परिसर मौन था। पुलिस अधीक्षक, डीएसपी, और थाने के तमाम पुलिसकर्मी उनके चित्र के सामने सिर झुकाए खड़े थे। दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। एसपी ने उन्हें एक कर्तव्यनिष्ठ, ईमानदार और सरल स्वभाव का अधिकारी बताते हुए कहा – “लालमणी सिंह जैसे अधिकारी पुलिस विभाग की असली रीढ़ होते हैं।”





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