कभी-कभी जिंदगी और मौत के बीच सिर्फ एक चिंगारी का फासला होता है… और कभी-कभी उसी चिंगारी के बीच इंसानियत की मिसाल खड़ी होती है। ऐसा ही एक सनसनीखेज मंजर गुरुवार सुबह मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिला अस्पताल में देखने को मिला, जहां एक तेज धमाके ने पूरे अस्पताल को दहला दिया। अस्पताल के स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU) में जब ऑक्सीजन लाइन में अचानक विस्फोट हुआ, तो पलभर के लिए मानो समय रुक गया। उस वक्त वार्ड में 10 मासूम नवजात जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे थे। लेकिन हालातों के सामने झुकने की बजाय, अस्पताल स्टाफ ने बहादुरी और फुर्ती का ऐसा परिचय दिया कि आज वो 10 परिवार राहत की सांस ले रहे हैं।
गुरुवार सुबह करीब 9 बजे, जिला अस्पताल के SNCU वार्ड में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक तेज धमाका हुआ। शुरुआती जांच में पता चला कि शॉर्ट सर्किट के कारण एसी वायर में निकली चिंगारी ने वार्ड के पास गुजर रही ऑक्सीजन पाइपलाइन को डैमेज कर दिया, जिससे जोरदार विस्फोट हुआ। ऑक्सीजन और आग… यह संयोजन अस्पताल के लिए सबसे खतरनाक स्थिति बन सकता था। वार्ड के भीतर धुंआ भरने लगा, बच्चे ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे और हर सेकंड अनमोल था। लेकिन ऐसे में नर्स सिस्टर रेणु, सिस्टर महिमा, सिस्टर प्रगति और सिस्टर सुलोचना लोधी ने जो किया, वह सिर्फ ड्यूटी नहीं, बल्कि इंसानियत की सबसे बड़ी मिसाल थी।
इन बहादुर नर्सेस ने बिना अपनी जान की परवाह किए, दो मिनट के भीतर सभी 10 नवजातों को सुरक्षित वार्ड से निकालकर दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया। पूरे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई थी, लेकिन इन महिलाओं ने न डर दिखाया, न घबराहट। दो मिनट की यह जद्दोजहद सिर्फ बच्चों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने की नहीं थी — यह मौत से नन्ही जिंदगियों की जंग जीतने की कहानी थी।