भोपाल। मध्य प्रदेश में कड़ाके की सर्दी के बाद भी कलेक्टर प्राइमरी स्कूलों के बच्चों की छुट्टी का निर्णय नहीं ले सकेंगे. दरअसल राज्य सरकार ने स्कूलों की छुट्टियों के मामले में कलेक्टरों के अधिकारों पर लगाम लगा दी है. स्कूल शिक्षा विभाग ने तय किया है कि कलेक्टर अब स्कूलों की छुट्टियों के मामले स्व-विवेक से निर्णय नहीं ले सकेंगे. इसके लिए अब स्कूलों के प्राचार्य, प्रतिनिधियों और अभिभावकों से चर्चा के बाद शिक्षा विभाग की सहमति से ही आदेश निर्देश जारी किया जाएगा.
5 डिग्री से कम तापमान पर ही छुट्टी
राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के करीबन 22 जिलों में जबरदस्त ठंडी के बाद भी प्राइमरी स्कूलों की छुट्टी नहीं की गई. दरअसल स्कूल शिक्षा विभाग ने तय किया है कि शीतकाल में न्यूनतम 5 डिग्री से कम और गर्मियों में 42 डिग्री से ज्यादा तापमान पर ही राज्य शिक्षा केन्द्र से चर्चा के बाद कलेक्टर छुट्टी का निर्णय ले सकेंगे. यही वजह है कि इस बार कड़ाके की सर्दी के बाद परिजन प्राथमिक स्कूलों की छुट्टी का इंतजार करते रहे. राज्य सरकार ने तय किया है कि मौसम में भारी बदलाव होने की स्थिति में स्कूलों के समय में बदलाव का आदेश कलेक्टर अपने स्तर पर न लें. आदेश पालन के लिए कम से कम 1 दिन का समय स्कूलों को दिया जाए. हालांकि अपरिहार्य परिस्थिति में आयुक्त, डीपीआई और संचालक, राज्य शिक्षा केन्द्र से सहमति लेकर निर्णय लिया जाएगा. राज्य सरकार ने यह निर्णय इसलिए भी लिया है, क्योंकि परीक्षाएं निर्धारित समय पर हैं, ऐसे में इसका उल्लंघन होने पर डीईओ और डीपीसी पर कार्रवाई होगी.
बताया जा रहा है कि कलेक्टर अपने स्तर पर जिलों के स्कूलों के समय में बदलाव या स्कूलों की छुट्टी कर देते थे. इससे प्राइवेट और सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई का शेड्यूल गड़बड़ा जाता था. साथ ही राज्य शिक्षा केन्द्र या डीपीआई द्वारा निर्धारित शैक्षणिक प्रोग्राम भी कई जिलों में पीछे हो जाता है. इससे जिलों में निर्धारित पढ़ाई के दिन भी पूरे नहीं हो पाते.
:अनुपम अनूप
MP News: कलेक्टरों के पावर खत्म, अब स्कूलों में नहीं कर सकेंगे अवकाश और समय परिवर्तन
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