सोचिए एक ऐसा नाश्ता, जो न सिर्फ़ पेट भरता है बल्कि आपके पूरे शरीर को जगा देता है… ऐसा नाश्ता जो न किसी महंगे सुपरफूड से आता है, न ही विदेशी पैकिंग में बिकता है। हम बात कर रहे हैं गुड़ और चना की – दो सादे मगर शक्तिशाली देसी चीजें, जो आपकी रसोई में चुपचाप पड़ी हैं और जिनमें छिपा है सेहत का खजाना। लेकिन सवाल यह है – क्या आप इसे सही समय पर, सही तरीके से खा रहे हैं? अगर नहीं, तो हो सकता है आप इसका पूरा फायदा नहीं उठा पा रहे हों। आज हम इस जोड़ी के वो राज़ खोलेंगे, जो आपको डॉक्टर से दूर और तंदरुस्त रख सकते हैं।
आयुर्वेदाचार्यों की मानें तो सुबह खाली पेट भुने या भीगे हुए चने के साथ गुड़ खाना एक आदर्श शुरुआत मानी जाती है। यह न केवल आपके शरीर को ऊर्जा देता है बल्कि पाचन तंत्र को भी सक्रिय करता है। पंजाब स्थित बाबे के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के डॉ. प्रमोद आनंद तिवारी बताते हैं कि “चना और गुड़ में ऐसे प्राकृतिक पोषक तत्व होते हैं जो शरीर को अंदर से मज़बूत बनाते हैं।” चाहे आप अंकुरित चना लें या भुना हुआ, दोनों ही विकल्प लाभकारी हैं। सुबह के वक़्त इसका सेवन करने से शरीर दिनभर ऊर्जावान और मन शांत रहता है। खास बात ये है कि यह नाश्ता महंगा नहीं बल्कि हर जेब के लिए मुनासिब है।
अंकुरित चने में मौजूद फाइबर न केवल पाचन को मज़बूत करता है बल्कि कब्ज, अपच और गैस जैसी समस्याओं से छुटकारा भी दिलाता है। दूसरी ओर, गुड़ आपके पाचन को गति देता है और पेट में गैस या जलन को कम करता है। डॉ. तिवारी का कहना है कि “अगर आप दिन की शुरुआत एक मुट्ठी चना और थोड़े से गुड़ से करें, तो आपका शरीर न सिर्फ़ ताज़ा महसूस करेगा बल्कि आपकी एकाग्रता और मानसिक स्पष्टता भी बढ़ेगी।” इतना ही नहीं, ये संयोजन शरीर की कमजोरी को दूर करता है और थकान को पास नहीं फटकने देता। यानि, ये जोड़ी केवल पेट ही नहीं, पूरे शरीर का कायाकल्प करती है।
इस देसी नुस्खे में इतनी ताक़त है कि यह आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को भी बढ़ाता है। गुड़ और चने में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं और खून को शुद्ध करने का काम करते हैं। डॉ. तिवारी बताते हैं कि “यह एनीमिया के मरीज़ों के लिए भी वरदान साबित हो सकता है।” इसमें पाए जाने वाले कैल्शियम और फास्फोरस हड्डियों को मजबूत बनाते हैं, जिससे बढ़ती उम्र में जोड़ों की समस्या से भी राहत मिल सकती है। यह एक ऐसा देसी टॉनिक है जिसे आपकी दादी-नानी ने भी अपनाया था, बस फर्क इतना है कि अब विज्ञान भी इसके पीछे खड़ा है।
हालांकि हर चीज़ का एक सही इस्तेमाल होता है, और गुड़-चना भी इससे अलग नहीं है। डॉ. तिवारी चेतावनी देते हैं कि “डायबिटीज से पीड़ित लोगों को गुड़ सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए। वहीं, जिन्हें एलर्जी की समस्या हो, उन्हें अंकुरित चने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लेनी चाहिए।” इस छोटे-से बदलाव से आप बड़ी बीमारियों को दूर रख सकते हैं। The Khabardar News यह मानता है कि देसी खानपान में जो ताकत है, वह आधुनिक सप्लिमेंट्स में नहीं। तो अगली बार जब आप हेल्दी ब्रेकफास्ट के बारे में सोचें, तो करोड़ों की ऐड्स से प्रभावित न हों, बल्कि अपने किचन की तरफ एक बार जरूर देखें – क्योंकि आपकी सेहत की असली चाबी वहीं रखी है।






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