विजय हजारे ट्रॉफी के प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले में गुरुवार, 9 जनवरी को बंगाल और हरियाणा के बीच खेले गए मुकाबले में भारतीय गेंदबाज मोहम्मद शमी ने शानदार वापसी की। शुरुआत में उनके लिए सब कुछ ठीक नहीं था, लेकिन शमी ने कड़ी मेहनत के बाद अपनी गेंदबाजी से अपना बदला पूरा किया। इस प्रदर्शन ने उन्हें भविष्य में चैंपियंस ट्रॉफी की ओर एक कदम और करीब ला दिया।
विजय हजारे ट्रॉफी के प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले में मोहम्मद शमी के शानदार प्रदर्शन कर रहे है। इस मुकाबले में शमी ने शुरुआत में कुछ मुश्किलों का सामना किया, लेकिन फिर उन्होंने वापसी कर साबित कर दिया कि वो भारतीय क्रिकेट का अहम हिस्सा हैं। आइए जानते हैं इस मुकाबले की पूरी कहानी।
विजय हजारे ट्रॉफी के प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले में बंगाल और हरियाणा के बीच वडोदरा में खेले गए मैच में भारतीय टीम के स्टार गेंदबाज मोहम्मद शमी ने हिस्सा लिया। बंगाल की टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का निर्णय लिया और शमी को पहले ओवर में ही गेंद थमाई। लेकिन इस बार शमी को शुरुआत में काफी संघर्ष करना पड़ा। पहले ही ओवर में शमी ने 14 रन लुटाए और अगले दो ओवर में 27 रन दे डाले। अर्श रांगा ने शमी की गेंदों पर दो छक्के भी मारे, जिससे शमी के लिए ये पल थोड़े कड़े हो गए।
हालांकि, शमी ने हार मानने की बजाय पूरी स्थिति को पलटने का इरादा किया और सातवें ओवर में गेंदबाजी करने आए। इस बार उनका प्रदर्शन बिल्कुल अलग था। उन्होंने हिमांशु राणा को शानदार गेंद फेंकी, और राणा इस गेंद का सही जवाब नहीं दे सके। वो गेंद को ठीक से न खेल पाए और शमी ने उन्हें कैच आउट करवाकर अपना बदला पूरा किया। इसके बाद शमी के साथी गेंदबाज मुकेश कुमार ने अर्श रांगा को आउट कर दिया और बचे हुए रन की स्थिति को नियंत्रित किया।
शमी के प्रदर्शन में एक अहम बात ये रही कि पहले तीन ओवर में 27 रन देने के बाद उन्होंने अगले दो ओवर में केवल 5 रन दिए और 5 ओवर में 32 रन देकर एक विकेट हासिल किया। यह उनकी शानदार वापसी का प्रतीक था। मोहम्मद शमी के लिए यह विजय हजारे ट्रॉफी एक अहम मौका है, क्योंकि उनकी नजरें चैंपियंस ट्रॉफी पर हैं। उन्होंने हाल ही में सर्जरी के बाद वापसी की है और अपनी फिटनेस को साबित करने के लिए इस टूर्नामेंट को एक ऑडिशन के तौर पर लिया है।
तो यह था विजय हजारे ट्रॉफी में मोहम्मद शमी का शानदार प्रदर्शन। शमी ने ये साबित कर दिया कि उनकी क्षमता में कोई कमी नहीं आई है, और वो भारतीय क्रिकेट टीम के लिए भविष्य में अहम भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। अगर शमी इस टूर्नामेंट में अपनी फिटनेस और प्रदर्शन को बनाए रखते हैं, तो वह जल्द ही भारतीय वनडे टीम का हिस्सा बन सकते हैं। उम्मीद है कि आने वाले समय में हम शमी को चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम के लिए खेलते हुए देखेंगे।






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