लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में एक भयावह हादसा हुआ, जब अस्पताल में भीषण आग लग गई। मरीजों और तीमारदारों के बीच अफरा-तफरी मच गई और हर किसी का दिल दहला देने वाली यह घटना एक पल के लिए सभी को चौंका देने वाली साबित हुई। आग की लपटों और धुएं से पूरा फ्लोर भर गया, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि अब तक किसी के घायल या हताहत होने की कोई सूचना नहीं मिली है।
आग लगने के बाद की घबराहट का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मरीज और उनके परिजन अस्पताल से बाहर निकलने के लिए दौड़ रहे थे। फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने तुरंत ही आग बुझाने का प्रयास शुरू कर दिया, लेकिन धुंआ इतना घना था कि सांस लेना भी मुश्किल हो गया था। अस्पताल के भीतर और बाहर दोनों ही जगह एक कर्फ्यू जैसी स्थिति बन गई थी। इस दौरान रेस्क्यू ऑपरेशन भी शुरू किया गया और मरीजों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया।
लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में आग लगने की वजह फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाई है, और पुलिस-प्रशासन इस मामले की जांच में जुटे हुए हैं। प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी मरीजों को अस्पताल से बाहर निकालने का काम शुरू किया। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और बताया कि तीसरी मंजिल पर धुआं देखा गया था, जिसके बाद अस्पताल के चिकित्सक और पैरा-मेडिकल स्टाफ ने तत्परता दिखाते हुए लगभग 200 मरीजों को शिफ्ट कर दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का लिया संज्ञान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना का तुरंत संज्ञान लिया और अधिकारियों से फोन पर पूरी जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि गंभीर रूप से बीमार मरीजों को जल्द से जल्द दूसरे अस्पतालों में स्थानांतरित किया जाए। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि आग लगने के बावजूद कोई भी मरीज हताहत नहीं हुआ है, और सभी मरीज सुरक्षित हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी से किया गया काम
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने भी बताया कि अस्पताल में लगी आग के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन बहुत ही प्रभावी तरीके से चलाया गया। उन्होंने कहा, “हमने त्वरित कार्रवाई की और तीसरी मंजिल पर धुआं देखा। अस्पताल के कर्मचारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी मरीजों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया। अब कोई भी मरीज खतरे में नहीं है।”
पुलिस की जांच जारी
DCP साउथ निपुण अग्रवाल ने इस घटनाक्रम पर कहा कि अस्पताल से सभी मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है और उन्हें नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। फिलहाल, आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। पुलिस के मुताबिक इस मामले में हर पहलू की गहराई से जांच की जाएगी ताकि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके।
यह घटना न केवल लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है। कहीं न कहीं यह सवाल भी उठता है कि अस्पतालों में सुरक्षा इंतजामों का स्तर कितना मजबूत है, और ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। प्रशासन और सरकार के लिए यह एक बड़ा अवसर है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।