27 दिसंबर को आ रहे माननीय मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव जी से मिल कर शिकायत एवं प्राचार्य को हटाने की मांग की जाएगी
शासकीय महाविद्यालय मनगवा रीवा जिले का सबसे चर्चित महाविद्यालय है जहा पर उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक भी बाउने बने रहते हैं इतना ही नहीं जनभागीदारी समिति गठित तो हुई पर बेअसर साबित हो रही केवल खजाना खाली करने के लिए ही है
शासकीय महाविद्यालय मनगवा में नए कोर्स b.sc. b.com बिना किसी आदेश के संचालित किए गए है । b.SC.BCom के कोई भी पद सृजित नही है और न ही किसी उच्च अधिकारियों की अनुमति है लेकिन प्रिंसिपल की मन मर्जी से कोर्स संचालित किया गया है जहा पर छात्र परेशान हो रहे है की दिसंबर माह बीतने को है लेकिन कोई भी टीचर आज दिनाक तक पढ़ाने वाला नहीं है तीन सौ छात्रों का भी भविष्य अंधकार में है नियम विरुद्ध तरीके से छात्रों का प्रवेश ले लिया गया और छात्रों से महाविद्यालय विकाश निधि के नाम पर लाखों रुपए डकार लिए गए पर आज तक छात्रों की कक्षा संचालित करने के लिए शिक्षक भर्ती नही किए गए छात्र भटकने को मजबूर हैं दूसरी तरफ जनभागीदारी समिति से सीसीटीवी कैमरे के लिए पैसा निकाल लिया गया पर आज तक कैमरा लगाया नही गया जिस महाविद्यालय मनगवा में लगभग दो हजार छात्र छात्रा अध्यन कर रहे हैं वहा पर कैमरा नहीं है जबकि कई घटनाएं पूर्व में हो भी चुकी हैं
सबसे बड़ा दुर्भाग्य तो तब हो गया जब 31दिसम्बर 2023 को सेवानिवृत हो रहे बाबू अशोक हरिजन का प्रभार एक हप्ते पहले ही दिलवा दिया गया और प्रभार भी ऐसे कर्मचारी को जो आउटसोर्स कर्मचारी है जबकि और भी कर्मचारी महाविद्यालय में पदस्थ हैं प्रिंसिपल के द्वारा किसी भी कर्मचारी के द्वारा स्मार्ट क्लास में लगे टीवी को छात्र के मोबाइल से net चालू कर और बोला जाता है की इसे देखो ।यही क्लास है आप सब की । सब छात्र परेशान है की हमारे टीचर कब आयेंगे हमारा सेशनल भी होगा लेकिन प्रिंसिपल से बात करने छात्र जाते है तो उन्हें भगा दिया जाता है कोई सुनने वाला नहीं है यहां तक की जब भी कोई अधिकारी जांच में आए तो प्रिंसिपल अनुपस्थित ही पाई जाती है जब भी आती है तो अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से बहस करना नोटिस देना ऐसा कोई भी कर्मचारी नही है जिसे प्रिंसिपल के द्वारा नोटिस नही दिया गया हो। पर फर्जीवाड़ा करने के लिए नियम विरूद्ध तरीके से प्रभार प्राचार्य द्वारा दिलाया गया है जो की जांच का विषय है कुछ समाजसेवियों द्वारा 27 दिसंबर को आ रहे माननीय मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव जी से शिकायत एवं प्राचार्य को हटाने की मांग की जाएगी