मैहर:- मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय सतना अपने कारनामों को लेकर हमेशा चर्चा में बना रहता है मैहर में इस विभाग की अनदेखी के कारण अंधेरगर्दी मची हुई है,विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर आम जनता के बीच हमेशा सवाल उठते आए है लेकिन विभाग के जिम्मेदारों ने जनता की आवाज को दरकिनार कर हमेशा निष्ठा के साथ कारोबारियों का साथ दिया है भले कारोबारी गलत रहे हो,ऐसा एक मामला मैहर के ग्राम भाटिया में स्थित साईं स्टोन क्रेशर का सामने आया है जिसकी एनओसी का नवीनीकरण वर्ष 2018 से नही हुआ उसके बाद भी क्रेशर का संचालन लगातार होता रहा इसके प्रमाण के तौर पर बिजली का बिल उपलब्ध है,बताया जा रहा है क्रेशर संचालक सतना प्रदूषण विभाग की सांठगांठ से वर्ष 2018 से लेकर 2022 तक क्रेशर का संचालन कर रहा है,आरटीआई में भेद खुलने के बाद विभाग ने बैठे जिम्मेदारों ने अपना दामन बचाने के लिए कार्यवाही की और कुछ ही दिनों के अंदर पाकसाफ साबित कर क्रेशर संचालन की पुनः अनुमति दे दी,अब सवाल यह है कि जब कई वर्षो तक बिना अनुमति के क्रेशर का संचालन हुआ उस पर मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय सतना के क्षेत्रीय अधिकारी और कनिष्ठ वैज्ञानिक ने क्या कार्यवाही की क्रेशर संचालक की लापरवाही पर क्या जुर्माना लगाया इसे मिडिया के माध्यम से बताना आवश्यक है नही तो प्रदूषण विभाग के इन अधिकारियों की वजह से प्रदेश सरकार की छवि जिले भर में धूमिल हो रही है और सत्ताधारी नेता प्रदूषण विभाग की लापरवाही से प्रदेश सरकार को अवगत कराएंगे या बचाव में रहेंगे यह देखना लाजमी होंगा!
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