(सिविल सेवा के प्रतिभागियों, या IIT JEE/ NEET MEDICALया अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के छात्र/ अभिभावक विशेष रूप से ध्यान दें)
यह पोस्ट सामजिक, शैक्षणिक, आर्थिक रूप से पिछडो की एक समस्या या कहिये भ्रम से सम्बंधित है।
क्रीमीलेयर से तात्पर्य एक ऐसे वर्ग से है जो है तो पिछड़े समाज से लेकिन उनका आर्थिक स्तर सामान्य हो चुका है अर्थात यह आय से सम्बंधित शब्द है। यही से मुख्य सवाल या भ्रम उठता है कि किस आय को कार्मिक मंत्रालय (जो भर्ती सम्बंधी नियम बनाता है, अधियाचन लेता है,भर्ती करता है,) क्रीमी लेयर मानता है ।कि ज्यादातर लोगों को ठीक जानकारी नही है। लोग छोड़िये सचिव स्तर के अधिकारी इस माम्मले को या तो समझते नही या फिर जानबूझकर अनभिज्ञ बने रहते हैं।
पिछले 2016 का आपको मामला बताते हैं…जेनयू से शोध कर रहे दिव्यांशु पटेल ने 2016 सिविल सेवा परीक्षा Mके 204 रैंक प्राप्त किया… अब इनको पोस्ट और कैडर न देकर डिबार किया गया काफी चर्चा का विषय रहा।कितनी बड़ी गलती कि जा रही थी।
डिबार का कारण यह था कि इनको नॉन क्रीमी लेयर ओबीसी नही माना जा रहा था क्योकि इनके पिता जी प्रमोसन पाकर एसोसिएट प्रोफेसर हो गए थे। संयोग की बात इनको डिबार का नोट लगाने वाले उप सचिव जो खुद भी ओबीसी वर्ग के हैं। है न मजे की बात या कहिये कि दुर्भाग्य की बात कि ओबीसी वर्ग के उच्च अधिकारियों तक को नही मालूम कि क्रीमी लेयर किसे कहते हैं। यह डिबार फ़ाइल pm तक पहुंच गई और उनके भी हस्ताक्षर हो गए। मतलब पूरे कुँए में कोई भी ओबीसी के क्रीमी लेयर को न जाना न समझा या जानबूझकर कर ऐसा किया।
दिव्यांशु जी अनुप्रिया पटेल (केंद्रीय मंत्री, भारत सरकार) से मिले, उनको अपनी ब्यथा सुनाई , अब उन्होंने क्रीमी लेयर के नियम समझने के लिए ,पूरी फ़ाइल पढ़ी और फिर उन्होंने कैट में अपील कराई और दिव्यांशु की जीत हुई फिर कार्मिक मंत्रालय के सचिव से बात की कि आप लोग इतनी ब्लन्डर भूल कैसे कर सकते हो जबकि किसी वंचित वर्ग के योग्य छात्र के भविष्य का मामला हो ??? सचिव महोदय अपनी गलती तो मान लिए लेकिन pm के साइन होने के कारण हाथ खड़े कर दिये, फिर इन्होंने pm से बात की और उनको कैट का निर्णय बतायीं।
तब जाकर वंचित वर्ग के छात्र को न्याय मिला।
ओबीसी क्रीमी लेयर से संबंधित निम्मलिखित तथ्य जान लें ..
1) डायरेक्ट क्लास 1 को ओबीसी का लाभ नही मिलेगा
2) जो कर्मचारी 40 की उम्र के पहले क्लास 1 में शामिल हो गया हो उसको भी ओबीसी का लाभ नही मिलेगा
3) जो कृषि और वेतन के अलावा किसी भी अन्य पेशे (मेडिकल, लॉ प्रैक्टिस, ब्यापार, पत्रकारिता, खेल, एक्टिंग, ब्यापार आदि आदि) से वर्तमान में 8 लाख से ज्यादा आय करता हो उसको भी ओबीसी का लाभ नही मिलेगा
दिव्यांशु पटेल का मामला दूसरे बिंदु के कारण फंस गया था। इनके पिता थे तो उस समय क्लास 1 लेकिन इनको प्रमोसन 40 की उम्र के बाद मिला था इसलिये ये क्रीमी लेयर में आते नही थे लेकिन अधिकारियों की लापरवाही, उदासीनता,अज्ञानता से दिव्यांशु को लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी।
बस आप अंत मे यह जान लीजिए कि अगर आपकी आय 8 लाख से ज्यादा है तो जरूरी नही कि आप ओबीसी क्रीमी लेयर में आओ ही …!! अगर आपकी यह आय वेतन और कृषि क्षेत्र से है तो आप निश्चित रूप से ओबीसी क्रीमी लेयर से बाहर हो …और आप ओबीसी आरक्षण के लाभ के लिए पात्र हो
लेकिन अभी सवर्णो को जो EBC के तहत 10 %आरक्षण दिया गया है, इसमें क्रीमी लेयर में मात्र 8 लाख आय से मतलब है,किसी भी पेशे से हो या वेतन से हो…यह ओबीसी के क्रीमी लेयर से भिन्न है






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