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किसान आंदोलन के बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बुधवार (14 फरवरी, 2024) को बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि किसान बगैर बातचीत और समाधान के वापस नहीं जाएंगे. राकेश टिकैत ने कहा, ”सरकार बातचीत नहीं करती है तो वह दिल्ली की तरफ तो जाएंगे ही. हमारे लिए देश की राजधानी दिल्ली दूर नहीं है. सरकार के पास समाधान निकालने के लिए 16 फरवरी तक का समय है.” उन्होंने आगे कहा कि किसान बात करने को तैयार है, लेकिन सरकार झूठ बोल रही है की हम तैयार नहीं हैं. आज भी किसानों ने कहा है कि हमसे बातचीत की जाए. कोई किसान पत्थर नहीं मारता है. पत्थर मारने वाले भी सरकार के ही आदमी है. दरअसल, प्रदर्शनकारी किसान अपना ‘दिल्ली चलो’ मार्च को लेकर पंजाब-हरियाणा की दो सीमाओं पर डटे हुए हैं. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार (14 फरवरी) को ही कहा था कि किसान हमसे चर्चा करें. अनुराग ठाकुर ने क्या कहा? केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार (14 फरवरी) को प्रदर्शनकारी किसानों से कहा कि हिंसा और तोड़फोड़ समस्याओं का समाधान नहीं है. वे अपनी मांगों को लेकर सरकार के साथ फिर से बातचीत में शामिल हों. उन्होंने कहा, ”यदि आप मांग करते हैं कि भारत डब्ल्यूटीओ से बाहर निकले, एफटीए रद्द किया जाए, स्मार्ट मीटर को खारिज किया जाए और किसानों को बिजली अधिनियम से छूट दी जाए तो क्या केंद्र को अन्य हितधारकों और राज्य सरकारों से बात नहीं करनी चाहिए?’ किसानों की क्या मांग है? फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों व कृषि मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफ करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने