गांव में खराब पड़े है हैंडपम्प। संबधित पीएचई विभाग के SDO द्वारा नही दिया जा रहा ध्यान।शिकायतों पर न ही दिया जाता ध्यान न ही किसी का उठाया जाता फोन। टाइम कीपर के सहारे जवा एवं सिरमौर की बागडोर, जो अपने आप को मानता है कलेक्टर।
रीवा/ मध्यप्रदेश शासन की बहुआयामी नलनल योजना एवं बनी पानी की टंकी रीवा जिले के जवा क्षेत्र एवं सिरमौर क्षेत्र में सिर्फ कागजो तक ही सीमित रह गयी है जहा पर देखा जा सकता है कि पानी की टंकी तो बनी है लेकिन टंकी से पानी की सप्लाई कभी नही होती है और बैठे कर्मचारी फ्री में वेतन ले रहे है।
इसी तरह से शासन की बहुआयामी नलजल योजना भी विभाग के मिलीभगत से ठेकेदारों के हाथों भ्रस्टाचार की भेंट चढ़ गई है जिस बजह से आम जनता को इस भीषण गर्मी में पानी के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जहा पर देखा गया कि कई ऐसे गांव है जहा पर नलजल योजना की पाइप भी नही बिछाई गई है वहा के लोग हैंडपम्प के सहारे रहते है जो हैंडपम्प कई महीनों से खराब पड़े है कई बार पीएचई विभाग के एसडीओ आर के सिंह एवं टाइम कीपर देवेंद्र पांडेय को सूचना दी गयी थी तथा जब कभी उन्हें फोन लगाया जाता है तो उनके द्वारा फोन तक नही उठाया जाता है। जिस बजह से क्षेत्र के लोग पानी के लिए तरसते रहते है परंतु विभाग के द्वारा ध्यान नही दिया जाता है। ज्यादातर नलजल योजना एक बार कुछ जगहों में चलाया गया इसके बाद अब कागजो में संचालित है जिसका सारा पैसा ठेकेदार के द्वारा निकाल लिया गया है।
बताया जाता कि उक्त सारे कार्य की जिम्मेदारी देवेंद्र पांडेय को एसडीओ आरके सिंह के द्वारा दी गयी है लेकिन देवेंद्र पांडेय अपने आप को जिला कलेक्टर से कम नही समझते है दोनो लोग रीवा में बैठकर दो-दो मुख्यालय फोन से चला रहे है तथा एसडीओ के द्वारा सभी ठेकेदारों को खुली छूट दे रखी है कि जितना लूट सकते हो लूट लो,मेरा हिस्सा रीवा तक पहुच जाना चाहिए इसी बजह से ठेकेदार मनमानी पर उतारू है।वर्ना क्या हैंडपम्प बनवाने के लिए ग्रामीणों को प्राइवेट मिस्त्री से बनवाना पड़ता।
जिसकी आज भी सही जांच की जाए तो बनी पानी की टंकी,नलजल योजना और हैंडपंपो की हकीकत सामने आ सकती है लेकिन सवाल यही की जांच करे तो करे कौन?