समितियों की मिली भगत से किसानों के खातों में बिक रही व्यापारियों की धान, प्रशासन बेखबर
जवा/ धान खरीदी केन्द्रों में ज्यादा तौलाई के साथ ही पांच रुपए कुंटल किसानों से पैसा भी वसूला जा रहा है, समितियों के मिली भगत के चलते गरीब किसानों का धान व्यापारियों द्वारा औने-पौने दाम मे खरीदकर समितियों में बेचा जा रहा है,और यह इतने सफाई से कार्य चल रहा है कि प्रशासन को भी इसकी भनक नहीं है,
हालांकि इसकी शुरुआत प्रशासन की लचर व्यवस्था के चलते,जब से धान का रजिस्ट्रेशन शुरू होता है तभी से इस घोटाले की इबारत लिखी जाती है पहले पटवारियों से मिलकर चिन्हित किसानों का सौ रुपए कमिशन के शर्त में रजिस्ट्रेशन कराया जाता हैं, फिर उन्ही के खाते में समिति की मिली भगत से धान खरीदी केन्द्रों में बिक्री करते हैं,
1600 से लेकर 1800 तक रुपये में किसानों की धान खरीदी करते हैं व्यापारी और फिर शासन द्वारा निर्धारित राशि में बिक्री करते हैं धान,
*प्रशासन चाहे तो हो सकता है बड़े भ्रष्टाचार खुलासा,*
हालांकि धान और गेहूं खरीदी में यह कोई नई बात नहीं है, इससे पूर्व भी समितियों द्वारा खरीदी केन्द्रों में जमकर भ्रष्टाचार किया जा चुका है और कार्यवाही की खानापूर्ति भी प्रशासन द्वारा की गई,कई ऐसे समिति प्रबंधको को खरीदी की जिम्मेदारी हर बार सौंपी जाती है जिनके विरुद्ध कार्यवाही की जा चुकी है,
अगर प्रशासन चाहे तो उन सभी किसानों की खातो की जांच करा लें जिनके खातों में धान बिक्री की जा रही है क्योंकि हकीकत में अधिकतर ऐसे किसानों के खातो में धान बिक्री हो रही है जिनके खेतों में या उन नंबरों में जिनमें धान की फीडिंग हुई है उनमें धान की खेती हुई ही नही जिससे एक बडे भ्रष्टाचार का खुलासा हो सकता है।
: :अनुपम अनूप
Jawa News: धान खरीदी केन्द्रों में लूट रहा किसान, मालामाल हो रहे व्यापारी
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