शो-पीस बनी गौशालाएं, शासन प्रशासन भी व्यवस्था बनाने में फेल,
जवा/ शासन द्वारा ऐरा प्रथा पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने के कारण किसानों की खडी फसलों को बर्बाद कर रहे हैं, बताया गया है कि इस कड़ाके की ठंड में किसानों को अपनी फसल बचाने के लिए तारवाडी, जाली, सहित तमाम इंतजाम करने के बावजूद रात में खेतों की रखवाली करते हैं धोके से आंख लग गई तो सैकड़ों की संख्या में सभी सुरक्षा घेरा को तोडते हुए मवेशी किसानों के खेतों में धावा बोल देते हैं और पूरी फसल को नष्ट-भ्रष्ट कर देते हैं, आवारा मवेशियों से किसान पूरी तरह से टूट चुका है,शासन प्रशासन भी इस और ध्यान नहीं दिया जा रहा है,
गौशालाएं बनी शोपीस
करोड़ों रुपए खर्च के बाद भी गौशालाएं शोपीस बनी हुई है, जहां एक भी मवेशियों को रखने की व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण किसानों में भारी आक्रोश व्याप्त है ग्राम पंचायत सितलहा के किसान विकास तिवारी के खेत में विगत रात्रि आवारा मवेशियों ने धावा बोल कर पूरी खेती को सफाचट कर दिया गया,
ऐरा प्रथा पर रोक लगी हुई है लेकिन नहीं होता पालन,
प्रशासन की लचर व्यवस्था के चलते ऐरा प्रथा पर रोक के बावजूद भी पालन नहीं किराया जा रहा है, क्षेत्र के अधिकतर लोग मवेशियों का दूध निकाल कर ऐरा छोड दिया जाता है जो किसानों के लिए फजीहत साबित हो रहा है, क्षेत्रीय किसानों से जिला कलेक्टर से ऐसे पशुपालकों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की मांग करते हुए कहा कि ऐरा प्रथा में कठोर पूर्वक कार्यवाही करने तथा आवारा मवेशियों को जंगल में छोड़ने की गुहार लगाई है,
अनुपम अनूप