Saturday, November 2, 2024

JABALPUR नवागत पुलिस अधीक्षक टी.के. विद्यार्थी ने डी.पी.ओ./एडीपीओ. तथा राजपत्रित अधिकारियों की उपस्थिति में चिन्हित सनसनीखेज लंबित अपराधों की, की समीक्षा एवं दिये निर्देश

पुलिस कन्ट्रोलरूम जबलपुर में पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री टी.के. विद्यार्थी (भा.पु.से.) द्वारा समस्त राजपत्रित अधिकारियों की चिन्हित सनसनीखेज लंबित अपराधों की एक समीक्षा बैठक ली गयी।
बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर श्रीमती प्रियंका शुक्ला (भा.पु.से.), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर दक्षिण श्री संजय अग्रवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण श्री शिवेश सिंह बघेल, नगर पुलिस अधीक्षक कोतवाली श्री प्रभात शुक्ला, नगर पुलिस अधीक्षक गोहलपुर श्री अखिलेश गौर, नगर पुलिस अधीक्षक गोरखपुर सुश्री प्रतिष्ठा राठौर, उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय श्री तुषार सह, उप पुलिस अधीक्षक कानून व्यवस्था श्रीमती अंकिता खातरकर, तथा जिला अभियोजन अधिकारी श्री अजय जैन, ए.डी.पी.ओ. संगीता सिंह परिहार, ए.डी.पी.ओ. के.जी. तिवारी, ए.डी.पी.ओ. स्मृति लता बरकडे़, ए.डी.पी.ओ. नमिता पिल्लई, ए.डी.पी.ओ. मनीषा दुबे, ए.डी.पी.ओ. भगवत उइके उपस्थित रहे। बैठक मे आपके द्वारा चिन्हित जघन्य एंव सनसनीखेज लंबित अपराधों में जारी समंस/वारंटो की तामीली, प्रकरण की अद्यतन न्यायालयीन स्थति एवं गवाहों की मान्नीय न्यायालय मे उपस्थिति आदि के सम्बंध में विस्तार से समीक्षा की गयी ।
विषय की गम्भीरता व शासन की मंशा से अवगत कराते हुये आपके द्वारा कहा गया कि हमारा प्रयास हो कि चिन्हित, जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण मे सजा का प्रतिशत, शत्-प्रतिशत् हो इस हेतु प्रकरणो की लगातार समीक्षा करें समय पर गवाहों के समंस तामील हों, एवं तारीख पेशी पर गवाहों को ब्रीफ कर मान्नीय न्यायालय के समक्ष उपस्थित कराया जाये। जघन्य सनसनीखेज चिन्हित गम्भीर अपराध में हर हाल में आरोपी को सजा होनी चाहिये, इस हेतु विवेचना मे किसी भी प्रकार की कोई त्रुटि न हो इसका विशेष ध्यान रखें। अपराधी को सजा दिलाना हमारा प्राथमिक कर्तव्य है। एफआईआर से लेकर, गिरफ्तारी, चालान ही, मुख्य कार्यवाही नहीं है, प्रकरण के विचारण के दौरान फालोअप करते हुये अपरधी को सजा दिलायें। गम्भीर प्रकरणों में आरोपी के बरी हो जाने से पीडित पक्ष को मानसिक क्लेश होता है, भादवि के प्रकरणों में पीडित पक्ष को राहत देने का कोई प्रावधान नही है, आरोपी को सजा दिला कर ही पीडित पक्ष को राहत प्रदान की जा सकती है। यदि हम घटित हुये गम्भीर प्रकरण में आरोपी को सजा दिलाने मे कामयाब होते है तो निश्चित ही पीेडित पक्ष को राहत मिलेगी।

image 241
- Advertisement -
For You

आपका विचार ?

Live

How is my site?

This poll is for your feedback that matter to us

  • 75% 3 Vote
  • 25% 1 Vote
  • 0%
  • 0%
4 Votes . Left
Via WP Poll & Voting Contest Maker
Latest news
Live Scores