इंदौर का एमवाय अस्पताल जल्द ही आधुनिक सुविधाओं से लैस एक आदर्श अस्पताल बनने जा रहा है। विधानसभा में गुरुवार को इसकी घोषणा की गई, जिसमें 700 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इस फंड का उपयोग अस्पताल के उन्नयन और एक नई अत्याधुनिक बिल्डिंग के निर्माण के लिए किया जाएगा। इससे न केवल इंदौर बल्कि पूरे संभाग के मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। इस परियोजना के तहत 1450 बेड की नई इमारत बनाई जाएगी, जिसका प्रस्ताव 750 करोड़ रुपये का था। नई इमारत एमवायएच ओपीडी के पीछे स्थित खाली जगह में बनाई जाएगी, जिससे अस्पताल का विस्तार सुचारू रूप से हो सके।
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने एमवाय अस्पताल और जिला अस्पताल को आदर्श अस्पताल के रूप में विकसित करने की प्रतिबद्धता जताई है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से इस मांग को पूरा करने की आवश्यकता महसूस की जा रही थी, और अब सरकार इसे मूर्त रूप देने के लिए पूरी तरह तैयार है। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि एमवाय अस्पताल सिर्फ इंदौर ही नहीं बल्कि पूरे मालवा अंचल के मरीजों के लिए एक महत्वपूर्ण चिकित्सा केंद्र है। इस घोषणा के बाद अस्पताल के निर्माण कार्य में तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे मरीजों को और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।
नई अस्पताल बिल्डिंग सात मंजिला होगी और इसके निर्माण के लिए जिस स्थान का चयन किया गया है, वह चाचा नेहरू अस्पताल, सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल और कैंसर अस्पताल के नजदीक रहेगा। इससे मरीजों को विभिन्न चिकित्सा सेवाओं तक आसानी से पहुंचने में सुविधा होगी। इसके अलावा, अस्पताल परिसर में दो मल्टीलेवल पार्किंग भी बनाई जाएगी, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को पार्किंग की समस्या से निजात मिलेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस नई योजना से इंदौर के स्वास्थ्य ढांचे में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।
फिलहाल, एमवाय अस्पताल जिस इमारत में संचालित हो रहा है, उसकी क्षमता 1152 बेड की है, जहां रोजाना लगभग चार हजार मरीज इलाज के लिए आते हैं। हालांकि, अस्पताल की मौजूदा बिल्डिंग में समय के साथ सीलिंग और अन्य संरचनात्मक समस्याएं सामने आ रही हैं, जिससे मरीजों को असुविधा हो रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने नए अस्पताल भवन के निर्माण का फैसला लिया है, जो आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को और बेहतर बनाएगा। उम्मीद की जा रही है कि इस परियोजना के लिए आवंटित राशि को भविष्य में और बढ़ाया जा सकता है ताकि मरीजों को बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें।