इंदौर में मेट्रो ट्रेन के कॉमर्शियल रन का इंतजार जल्द खत्म होने वाला है। कमिश्नर ऑफ मेट्रो रेलवे सेफ्टी (CMRS) की टीम ने 24-25 मार्च को इंदौर मेट्रो का गहन निरीक्षण पूरा कर लिया है और अब रिपोर्ट तैयार कर रही है। मेट्रो प्रबंधन को उम्मीद है कि अगले 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट मिल जाएगी और सरकार जल्द ही कॉमर्शियल रन की तारीख घोषित कर सकती है।
निरीक्षण में क्या-क्या देखा गया?
CMRS की टीम ने प्रायोरिटी कॉरिडोर के 5.9 किलोमीटर लंबे ट्रैक और इसके तहत आने वाले 5 स्टेशनों – गांधीनगर, सुपर कॉरिडोर स्टेशन 3, 4, 5 और 6 – का बारीकी से निरीक्षण किया। इस दौरान प्लेटफॉर्म, लिफ्ट, एस्केलेटर, ऑपरेशन रूम, इलेक्ट्रिकल सिस्टम समेत सभी यात्री सुविधाओं की जांच की गई। टीम ने वायाडक्ट पर ट्रॉली के जरिए ट्रैक की मजबूती देखी और मेट्रो कोच को 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाकर उसकी गति और ब्रेकिंग सिस्टम का परीक्षण किया।
रिपोर्ट में क्या हो सकता है?
CMRS की रिपोर्ट में दो संभावनाएं हैं – या तो मेट्रो को सीधे कॉमर्शियल रन की हरी झंडी मिलेगी, या फिर कुछ सुधारों के सुझाव दिए जा सकते हैं। हालांकि, चूंकि यह तीसरा निरीक्षण था और पिछले निरीक्षणों में दिए गए सुझाव पहले ही लागू किए जा चुके हैं, इसलिए मेट्रो प्रबंधन को पूरी उम्मीद है कि इस बार ओके रिपोर्ट मिलेगी।
मेट्रो का पूरा प्रोजेक्ट और आगे की योजना
इंदौर मेट्रो का पहला चरण 31.55 किलोमीटर लंबा होगा, जिसमें से 8.7 किलोमीटर का ट्रैक अंडरग्राउंड होगा। कुल 28 स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें से 7 अंडरग्राउंड होंगे। अंडरग्राउंड प्रोजेक्ट की लागत 2190.91 करोड़ रुपये है, जबकि पूरे मेट्रो प्रोजेक्ट की कुल लागत 7500 करोड़ रुपये आंकी गई है।
बदलाव से बढ़ा बजट, सरकार पर बढ़ेगा 1600 करोड़ का बोझ
मेट्रो प्रोजेक्ट में बंगाली चौराहे से रीगल तिराहे तक का हिस्सा एलिवेटेड बनाने की योजना थी, लेकिन जनप्रतिनिधियों की मांग पर इसे अंडरग्राउंड करने की योजना बनाई गई। इससे राज्य सरकार पर 1600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ आएगा। मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के एमडी एस. कृष्ण चैतन्य खुद हर हफ्ते इंदौर आकर काम की समीक्षा कर रहे हैं ताकि यह प्रोजेक्ट जल्द पूरा हो सके।
कब से दौड़ेगी इंदौर मेट्रो?
सूत्रों के मुताबिक, अगर CMRS से जल्द हरी झंडी मिल जाती है, तो अप्रैल के दूसरे या तीसरे हफ्ते में इंदौर मेट्रो का कॉमर्शियल रन शुरू हो सकता है। प्रायोरिटी कॉरिडोर में शुरुआती चरण में 15 से 30 मिनट के अंतराल पर मेट्रो का संचालन किया जाएगा, जिसे यात्रियों की संख्या के आधार पर बाद में बढ़ाया जा सकता है। अब देखना यह है कि रिपोर्ट कब तक आती है और सरकार मेट्रो के शुभारंभ की तारीख कब तय करती है।