प्रयागराज के महाकुंभ नगर में पेशवाई के रथ पर बैठने के बाद सुर्खियों में आईं हर्षा रिछारिया का दर्द अब छलक उठा है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से ताल्लुक रखने वाली हर्षा ने खुद को एक छोटे से 10×10 के टेंट में कैद कर लिया है, जहां वह पिछले 24 घंटे से ठहरी हैं। हर्षा ने कहा, ‘अब मुझे डर लगने लगा है। मेरे ऊपर लगाए जा रहे आरोपों से मैं बेहद त्रस्त और मानसिक रूप से परेशान हूं। अब मैं महाकुंभ मेला छोड़कर चली जाऊंगी। मैं पूरे महाकुंभ के अनुभव के लिए यहां आई थी, सिर्फ महाराज जी की एक भक्त बनकर। मैं कैलाश आनंद के विचारों से प्रभावित होकर उनके साथ आई थी।’ उन्होंने संतों के व्यवहार और आरोपों पर खुलकर नाराजगी जताते हुए कहा, ‘मैं न संत हूं और न मॉडल। संत होना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, जिसका मैं दावा नहीं करती। मॉडल होने का टैग भी मुझे स्वीकार नहीं। मैं तो बस अपने गुरुदेव के सानिध्य में महाकुंभ को जानने, समझने और अनुभव करने के लिए आई थी।’ हालाँकि इस खबर ने सोशल मिडिया में एक बार फिर से हलचल मचा दी है।
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