महाकुंभ के इस विशाल आयोजन में इन दिनों एक अद्भुत और चमत्कारी नंदी महाराज चर्चा का विषय बने हुए हैं। इस नंदी महाराज का विशेषता यह है कि उनके पास पांच पैर हैं, और यही वजह है कि श्रद्धालु इन्हें ढूंढकर बड़े श्रद्धा भाव से प्रणाम करने आ रहे हैं। इनके पास आकर भक्त न केवल आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं, बल्कि उनकी अनोखी विशेषता पर हैरान भी हो रहे हैं। नंदी महाराज को विशेष रूप से सजाया गया है—गले में सुंदर माला, माथे पर टीका और उन्हें आभूषणों से सजाया गया है। भक्तगण इनके पैर पकड़कर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आशीर्वाद मांग रहे हैं। इस नंदी महाराज को लेकर आए महंत आल्हा त्रिशूल, डमरू और कलश के साथ इन्हें काशी से लेकर आए हैं। आल्हा ने बताया कि यह नंदी महाराज कर्नाटक से लाए गए हैं, जिनकी उम्र लगभग दो वर्ष है। उनकी विशेषता के कारण लाखों-करोड़ों में एक ऐसा नंदी मिलना किसी चमत्कार से कम नहीं है। महंत आल्हा के अनुसार, इन्हें ‘शंकर जी की सवारी’ और ‘नादिया बाबा’ के नाम से भी जाना जाता है, और कुछ क्षेत्रों में इन्हें बसहा बैल के रूप में भी पूजा जाता है। महंत का दावा है कि नंदी महाराज के कान में जो भी भक्त अपनी इच्छाएं व्यक्त करते हैं, वो पूरी होती हैं, और यही कारण है कि भक्तगण उनके कानों में अपनी इच्छाएं कहते हुए उनके आशीर्वाद का लाभ उठा रहे हैं।
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