वाराणसी गैंगरेप केस से जुड़ा चौंकाने वाला खुलासा
वाराणसी में छात्रा से गैंगरेप की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। लेकिन इस केस में एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ है—पीड़िता हेपेटाइटिस-बी जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित पाई गई है। मेडिकल रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि उसके लिवर में सूजन है और पीलिया के लक्षण भी उभरे हैं। इतना ही नहीं, पीड़िता के शरीर का ब्लड काउंट भी काफी कम है, जिससे उसके स्वास्थ्य की स्थिति बेहद नाजुक हो गई है। अब इस खुलासे से न केवल मेडिकल टीम बल्कि आरोपी भी दहशत में हैं, कि कहीं उन्हें भी संक्रमण न हो गया हो।
क्या है हेपेटाइटिस-बी? जानिए इसके बारे में विस्तार से
हेपेटाइटिस-बी एक वायरल संक्रमण है जो सीधे लिवर पर असर डालता है। यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति के शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थों—जैसे खून, लार, थूक, या यौन संबंध के दौरान—दूसरे व्यक्ति तक पहुंचने से फैलती है। इसके दो प्रकार होते हैं: एक्यूट और क्रोनिक। एक्यूट हेपेटाइटिस-बी छह महीने से कम रहता है और शरीर की मजबूत इम्यूनिटी इसे ठीक कर सकती है। वहीं, क्रोनिक हेपेटाइटिस-बी लंबे समय तक बना रहता है और लिवर सिरोसिस, फेलियर या कैंसर तक को जन्म दे सकता है। यह बीमारी कई बार बिना किसी लक्षण के भी शरीर में सक्रिय रहती है।
कैसे फैलता है यह रोग और किन बातों का रखें ध्यान?
हेपेटाइटिस-बी वायरस शरीर के तरल पदार्थों के आदान-प्रदान से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सुई या सिरिंज का उपयोग, संक्रमित खून का ट्रांसफ्यूजन, या शेविंग रेजर, टूथब्रश जैसी चीजों को साझा करना इसके फैलने के मुख्य कारण हैं। यहां तक कि मां से गर्भस्थ शिशु को भी यह संक्रमण हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप इन सभी चीजों को लेकर सतर्क रहें और स्वच्छता बनाए रखें।
क्या है इसका इलाज और क्या करें बचाव?
इस बीमारी का स्थायी इलाज फिलहाल उपलब्ध नहीं है, लेकिन दवाओं से इसके लक्षणों और वायरस के असर को नियंत्रित किया जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, टीकाकरण ही इसका सबसे प्रभावी बचाव है। इसके अलावा, साफ-सफाई, सुरक्षित यौन संबंध, सुई-सिरिंज साझा न करना, और नियमित मेडिकल जांच करवाना इस बीमारी से बचने के कारगर उपाय हैं। घरेलू उपायों में आंवला, नींबू और पाइनएप्पल का रस लिवर को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं।
वाराणसी केस का अब तक का अपडेट और आगे की जांच
इस केस में 23 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है, जिनमें से 12 को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस जांच में सामने आया कि पीड़िता को ड्रग्स देकर छह दिनों तक दरिंदगी की गई। अब पीड़िता की मेडिकल स्थिति को देखते हुए अन्य आरोपियों के भी ब्लड, यूरिन और हेयर सैंपल लिए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक इस केस पर नजर बनाए हुए हैं। उम्मीद है कि इस मामले से जुड़ी हर परत सामने आएगी और पीड़िता को न्याय मिलेगा। साथ ही, इस केस ने समाज को एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमें ना केवल अपराध से बल्कि स्वास्थ्य संबंधित खतरों से भी सतर्क रहना होगा