गिरिडीह (झारखंड):
रामनवमी के शुभ अवसर पर जब पूरा गांव उत्सव में डूबा हुआ था, तब एक ऐसी चौंकाने वाली घटना घटी, जिसने सभी को स्तब्ध कर दिया। एक वायरल वीडियो ने सोशल मीडिया पर बवाल मचा दिया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि बाप-बेटे लाठी खेल में मशगूल हैं, लेकिन अगले ही पल सब कुछ बदल जाता है। एकाएक पिता ज़मीन पर गिर पड़ते हैं… और फिर कभी नहीं उठते।
यह घटना गिरिडीह के बेंगाबाद प्रखंड के माधवाडीह पंचायत की बताई जा रही है। वीडियो के वायरल होते ही सवाल उठने लगे हैं कि क्या यह सिर्फ एक हार्ट अटैक था या इसके पीछे कोई और रहस्य भी छिपा है? क्या यह कोई छुपी बीमारी थी या फिर अचानक बिगड़ी कोई बाहरी स्थिति?
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि दो व्यक्ति – जो बाद में बाप-बेटे साबित होते हैं – रामनवमी की शोभायात्रा में पारंपरिक लाठी खेल रहे हैं। खेल समाप्त होते ही पिता अचानक बेहोश होकर गिर जाते हैं। आसपास मौजूद लोग घबरा जाते हैं और आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया जाता है। लेकिन वहां डॉक्टर उन्हें मृत घोषित कर देते हैं।
यह सब इतनी तेजी से होता है कि यह एक साधारण हार्ट अटैक की तरह नहीं लगता। क्या यह कोई मेडिकल लापरवाही थी? क्या उन्हें समय पर CPR मिला? या फिर, यह वही रहस्यमयी ‘साइलेंट हार्ट अटैक’ का मामला है, जो आजकल युवाओं और स्वस्थ दिखने वाले लोगों को भी बिना चेतावनी के अपनी चपेट में ले रहा है?
पिछले कुछ महीनों में सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो वायरल हो चुके हैं, जिनमें स्वस्थ दिखने वाले लोग अचानक गिरते हैं और फिर उनकी मृत्यु हो जाती है। क्या यह नया ट्रेंड है या फिर कोई और खतरनाक स्वास्थ्य आपदा हमारी तरफ बढ़ रही है?
डॉक्टरों का कहना है कि यह मामला हार्ट अटैक का है, लेकिन जिस तरह से ये घटनाएं हो रही हैं, उससे एक सवाल बार-बार उठता है – क्या ये सभी केस एक जैसे हैं? या फिर कहीं न कहीं कोई और “अनदेखा कारक” इन मौतों का कारण बन रहा है?
गांव के मुखिया सिद्दीकी अंसारी ने लोकल मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह घटना वाकई में अत्यंत दुखद और अविश्वसनीय है। रामनवमी का त्योहार, जो खुशियों का प्रतीक होता है, वह आज इस गांव के लिए त्रासदी बन गया।
मृतक सुखदेव यादव, जिनकी उम्र केवल 50 साल थी, को कोई गंभीर बीमारी नहीं थी। वे तंदरुस्त थे और लाठी जैसे भारी खेल में हिस्सा भी ले रहे थे। फिर अचानक यह हादसा कैसे हुआ? क्या यह सिर्फ एक संयोग था या किसी की बुरी नजर लग गई थी?
सुखदेव यादव की मौत के बाद पूरे गांव में शोक का माहौल है। लेकिन यह सिर्फ एक गांव की कहानी नहीं है – यह पूरे देश के लिए चेतावनी है। आज जिस तेजी से हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं, उसमें कहीं न कहीं हमारी जीवनशैली, तनाव, और अनजाने कारणों का बड़ा हाथ हो सकता है।
अब समय आ गया है कि हम इन घटनाओं को सिर्फ ‘दुर्भाग्य’ कहकर नजरअंदाज ना करें, बल्कि इनके पीछे की गहराई से जांच होनी चाहिए





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