क्या आपको अचानक चक्कर आने लगे हैं? सिर भारी लगने लगा है? उल्टी जैसा महसूस हो रहा है या बुखार बार-बार चढ़ रहा है? हो सकता है, ये लक्षण हीट स्ट्रोक के हों – वो जानलेवा स्थिति जो शरीर की गर्मी सहन करने की क्षमता को तोड़ देती है और दिमाग को ‘रिसेट’ मोड में डाल सकती है। राजस्थान में 40 डिग्री सेल्सियस पार करती गर्मी अब सिर्फ मौसम की परेशानी नहीं रही, ये स्वास्थ्य संकट बन चुकी है। विशेषकर बुजुर्ग, बच्चे और पहले से बीमार लोग इसके चपेट में तेजी से आ रहे हैं। The Khabardar News की इस विशेष रिपोर्ट में हम सिर्फ समस्या नहीं बताएंगे, बल्कि आसान और कारगर घरेलू समाधान भी देंगे – क्योंकि हम मानते हैं कि जानकारी ही सुरक्षा है।
डॉक्टरों की मानें तो सिरदर्द, थकान और बार-बार चक्कर आना – ये सब संकेत हो सकते हैं डिहाइड्रेशन या हीट स्ट्रोक के। शरीर जब बहुत पसीना छोड़ता है, तो उससे जरूरी नमक (इलेक्ट्रोलाइट्स) और जल की कमी हो जाती है। इसका सीधा असर मस्तिष्क तक रक्त प्रवाह पर पड़ता है, जिससे सिरदर्द और चक्कर जैसे लक्षण उभरते हैं। अगर समय पर इन लक्षणों को नजरअंदाज किया गया तो स्थिति गंभीर हो सकती है – यहां तक कि मस्तिष्क पर स्थायी असर भी पड़ सकता है। यही कारण है कि डॉक्टर लगातार चेतावनी दे रहे हैं – सावधान रहें, पानी पिएं, और इन संकेतों को हल्के में न लें।
गर्मियों में खुद को सुरक्षित रखने के लिए कुछ घरेलू उपाय बेहद असरदार साबित हो सकते हैं। हर दिन कम से कम 3-4 लीटर पानी पिएं – वो भी ठंडा (लेकिन बर्फ रहित)। शिकंजी, बेल का शरबत, छाछ, आम पन्ना और नारियल पानी – ये सभी शरीर को ठंडक देने और इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने में मददगार हैं। प्याज को सलाद में कच्चा खाएं या इसकी चटनी बनाएं – यह गर्मी से शरीर को बचाता है। तुलसी की पत्तियां शरीर को शीतलता देती हैं। ये उपाय कोई खर्चीले नहीं हैं, लेकिन असरकारी जरूर हैं – क्योंकि ये शरीर की अंदरूनी मशीनरी को संतुलन में रखते हैं।
धूप में बाहर निकलते समय सिर को सूती कपड़े, दुपट्टे या टोपी से जरूर ढकें – ताकि सूर्य की सीधी किरणें मस्तिष्क पर वार न करें। माथे पर चंदन का लेप या नीम की पत्तियों का पेस्ट लगाएं – यह गर्मी से राहत देता है और सिरदर्द में मददगार है। खाने के समय बच्चों को मोबाइल देने की बजाय उन्हें ठंडे तरल पदार्थ दें। ध्यान दें कि हीट स्ट्रोक सिर्फ शरीर को नहीं, मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। इसलिए गर्मियों में केवल कपड़े ही नहीं, आदतें भी हल्की और संतुलित बनानी होंगी।






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