हनुमना – 1952 में जनसंघ की स्थापना काल से ही राष्ट्र हित में कार्य करने वाले करोड़ों कार्यकर्ताओं के बलिदान, त्याग व तपस्या के कारण आज जहां भारतीय जनता पार्टी विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक राष्ट्र की सबसे बड़ी पार्टी ही नहीं राष्ट्र नायक मोदी जी के कुशल नेतृत्व में पुनः विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है वही जनसंघ के समय से आज तक सार्वजनिक जीवन में त्याग तपस्या व कर्तव्यों की पराकाष्ठा की तपो मूर्ति श्रद्धेय लालकृष्ण आडवाणीजी को भारत रत्न से सम्मानित करके मोदी जी ने ऐसे करोड़ों कार्यकर्ताओं का सम्मान किया है।उपरोक्त बातें विंध्य में जनसंघ के संस्थापक तथा लोकतंत्र सेनानी वरिष्ठ भाजपा नेता देववैद्य अश्विनीकुमार की उपाधि से विभूषित नाड़ी विशेषज्ञ सरयू प्रसाद वैद्य ने लालकृष्ण आडवाणी को भारतरत्न सम्मान से सम्मानित किये जाने पर शुभकामनाएं व बधाइयां देते हुए कही। श्रीवैद्य 1952 में स्वर्गीय कुशाभाऊ ठाकरे जी के हाथों रीवा के गुढ चौराहे पर स्वर्गीय दादा मणिराज सिंह के साथ सदस्यता लेने वाले उन पांच प्रमुख लोगों में से एकमात्र जीवित ब्यक्तित्व हैं जिन्हें जनसंघ का संस्थापक कहा जाता है जिन्होंने कच्छ भुज आंदोलन लेवी आंदोलन मीसाबंदी 1990 एवं 1992 में अयोध्या में कारसेवक के रूप में श्री राम जन्मभूमि आंदोलन में बढ़कर भाग लेने वाले ऐसे सक्रिय व कर्मठ नेता रहे हैं जिन्होंने कभी भी पद व प्रतिष्ठा की लालसा नहीं की श्री आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने की खबर सुनते ही उनके खुशी का ठिकाना नहीं रहा खुशी के अश्रुपात के साथ रूंधे गले से कहां की यह सम्मान केवल आडवाणी जी का सम्मान नहीं है बल्कि जनसंघ के जमाने से नींव के पत्थर के रूप में कार्य करने वाले उन करोड़ों कार्यकर्ताओं का सम्मान है जिनके चलते आज भारतीय जनता पार्टी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में प्रतिस्थापित ही नहीं वरन देश प्राण राष्ट्र नायक मोदी जी के नेतृत्व में यह राष्ट्र “परमवैभवंनेतुमेतद्स्वराष्ट्रं” की परिकल्पना को साकार करने की ओर अग्रसर हो पुनः मां भारती को विश्व गुरु बनाने की ओर अग्रसर हो चुका हैl
अनुपम अनूप
Hanumana News: आडवाणी जी को भारत रत्न करोड़ों कार्यकर्ताओं की तपस्या का सम्मान है- सरयू प्रसाद वैद्य
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