हनुमना, महिला बाल विकास परियोजना अंतर्गत आने वाली ज्यादातर आंगनबाड़ी केंद्रों के ताले एक समय से नहीं खुलते ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन कैसा होता होगा इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है सरकार जहां एक तरफ कुपोषण को दूर करने के लिए बड़े-बड़े अभियान चलाते हुए कई योजनाएं संचालित कर रही है वही कुपोषण की स्थिति में प्रभावी नियंत्रण नहीं हो पा रहा है लिहाजा ऊपर से कुपोषण की स्थिति को नियंत्रित करने के आदेश भी होते रहते हैं किंतु जमीनी स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका सुपरवाइजर एवं सीडीपीओ की मनमानी शासन की महत्वाकांछी योजनाएं भ्रष्टाचार की बलि चढ़ रही है बताया जाता है कि है कि जिन परियोजनाओं को राशन की सामग्री भेजी जाती है कि वह परियोजनाओं तक पहुंचाने के बाद गायब हो जाती है इस सामग्री का कभी सत्यापन नहीं कराया जाता है कि परियोजना में कितनी सामग्री पहुंची और उसका कितना वितरण हुआ इसका भी पता नहीं चल पाता लोगों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में से 70% आंगनबाड़ी केंद्र कभी नहीं खुलती इन केन्द्रों में कभी नहीं खुलती मजे की बात यह है कि इन केन्द्रों में कहां कौन पदस्थ है और किसका नाम सूचियां में दर्ज है इसकी जानकारी किसी को भी नहीं रहती जिले में बैठे संबंधित अधिकारी से औचक निरीक्षण कर अनियमितता करने वालों लोगों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग है।