उल्लेखनीय है कि जहां अपनी स्थापना काल से ही आरटीओ चेक पोस्ट हनुमना अवैध कमाई प्राइवेट गुर्गो और डंडों के बल पर सरेआम लूट का अड्डा बन रहा, जिसको लेकर कभी भगवान को प्यार हो चुके महान राम भक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने भी टिप्पणी करते हुए कहा था कि हर बना बॉर्डर पर देश भर से आने वाले ट्रक चालकों और मालिकों को डंडे के बल पर लूटा जाता है। कितनी ही घटनाएं हो चुकी शिकायत दर शिकायत होती रही यहां तक की पूर्व में चले कई आंदोलन के चलते बीच में बॉर्डर छोड़कर अपनी लूट जारी रखने के लिए हनुमान से 6 किलोमीटर दूर ग्राम मढा में तथा इसके पूर्व ग्राम खटखरी में आरटीओ चेक पोस्ट स्थापित कर जनता के आंदोलन को भी कुचलना का प्रयास किया गया था जब भी जिसने भी आरटीओ चेक पोस्ट हार बनकर अवैध ल व गुंडागर्दी का विरोध करने का दुस्साहस करने का प्रयास किया उसे नेष्तनाबूत करने का हर संभव कुचक्र रचा गया यही कारण है कि पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष संगम लाल सोनी एवं पत्रकार सरोज गुप्ता की बेदम पिटाई के चलते जहां संगम लाल भगवान को प्यार हो गए वही सरोज गुप्ता विकलांगता का जीवन जी रहे हैं। अभी हाल ही में चलित पशु एंबुलेंस को भी रोक कर अवैध वसूली करने का दूसरा हंस किया था जिसकी भी शिकायत हनुमान थाने में बस चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर के के गुप्ता ने जहां की है वही संजय गुप्ता की बेगम पिटाई की रिपोर्ट ही नहीं दर्ज की गई। जिन भी ड्राइवर ने कभी भी मीडिया के सामने मुंह खोलने का दूस्साहस किया उनकी खैर नहीं हर बार गाड़ियां रोक कर उनकी बेगम पिटाई करना एवं जबरन अवैध एंट्री वसूली सामान्य बात हो जाती है मारपीट का खौफनाक मंजर यह होता है कि देखने वाले की रूह कांप जाए। जिससे दोबारा कोई आरटीओ चेक पोस्ट की मनमानी लोड व गुंडागर्दी का विरोध करने का सोच भी ना सके। यहां उल्लेख करना आवश्यक है कि प्रति चक्कर ₹ 500 से लेकर 20 से 25000 रुपए तक जहां सामान्य एंट्री ली जाती है। वही कोई जरा सिफ़ाहट अपने पर दो-दो चार-चार लाख की मांग की जाती है, एक-एक दिन में 10 लाख से 50 लाख रुपए तक की कम से कम वसूली यहां प्राइवेट गुंडो व डंडे के बल पर की जाती है।
नहीं संज्ञान लेता शासन व प्रशासन चाहे कितना भी आरटीओ के विरुद्ध हल्ला आंदोलन प्रदर्शन हो जाए, शासन प्रशासन यहां से लेकर भोपाल और दिल्ली तक इस कदर, है कि कोई सुनने वाला नहीं। बताया जाता है कि 181 मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर भी शिकायत करने पर एक दो बार संतुष्ट न होने पर सीधे कहा जाता है कि आरटीओ चेक पोस्ट के अलावा कोई दूसरी समस्या हो तो बताएं इस कदर स्पष्ट है कि नीचे से लेकर ऊपर तक आरटीओ की चांदी के जूते की मार के लोग कायल है यही कारण है कि जनता के इस भयंकर पीड़ा को कोई सुनने वाला नहीं मारपीट का खौफनाक मंजर का वीडियो भी जिसने वायरल करने का कभी भी दुस्साहस किया उसके स्वयं ही नहीं उसके बीवी बच्चों के भी जान के लाले पड़ने की नौबत आ जाती है पुलिस में लाख रिपोर्ट करने का प्रयास करें लेकिन पुलिस है कि उल्टे उनके विरुद्ध ही रिपोर्ट दर्ज कर विभिन्न मुकदमों में आरटीओ चेक पोस्ट के पैसे के बल पर फंसा कर इस कदर मकर जाल में फंस देती है कि बेचारा दोबारा दुस्शाहस नहीं कर सकता। देखना है मऊगंज कलेक्टर अजय श्रीवास्तव एवं एसपी वीरेंद्र जैन जो अभी तक बेदाग छवि के लिए जाने जाते रहे वे भी कार्यवाही करते हैं या नहीं।