Gurh News: बेसहारा और गरीब परिवार के लिए सहारा बना विप्र सेवा संघ

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गुढ़ विधायक से मदद की गुहार, लेकिन पीड़ित परिवार को हांथ लगी निराशा

समाज मे दीन हीन गरीब व जरूरत मंदो की सेवा में बढ़ चढ़ कर हिस्सेदारी निभाने की दिशा मे अपनी एक अहम पहचान स्थापित कर चुके विप्र सेवा संघ ने एक बार फिर से एक ऐसा नायाब उदाहरण पेश किया है जो समाज के लिए उदाहरण बन गया, विप्र सेवा संघ एक पीड़ित, बंचित और जरूरत मंद परिवार के लिए उम्मीद की किरण बन कर सामने आया और उस परिवार को संकट से उबारने में अहम भूमिका निभा रहा है, संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव शुक्ला पीड़ित परिवार के लिए उस वक़्त मसीहा बन कर सामने आए जब इस गरीब परिवार को दूर दूर तक मदद की कंही से कोई उम्मीद नहीं दिखाई दे रही थी,

गुढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत तमरा देश के रहने वाले यज्ञ नारायण मिश्रा जिनकी उम्र लगभग 45, वर्ष थी, जो कि शारीरिक रूप से अक्षम थे, हमेशा बीमार रहते थे, परंतु पारिवारिक जिम्मेदारी के चलते शारीरिक अक्षमता के बाद भी उन्हें रात दिन तमिलनाडु के मदुरई शहर मे रह कर मेहनत मजदूरी करनी पड़ती थी, ताकि परिवार का पालन पोषण हो सके, तमरा देश निवासी यज्ञ नारायण मिश्र के पास 3 डिसमिस जमीन है जिसमें टूटा फूटा, जर्जर घर बना हुआ है, इसके अतिरिक्त इनके पास ना कोई जमीन है ना ही अन्य आय के साधन, जब कि इनके परिवार मे इनकी वृद्ध माता के अलावा बीमार पत्नी, तीन जवान बेटियां, तथा एक 13, वर्षीय बेटा है जिसकी जिम्मेदारी का बोझ इन्हीं के ऊपर था, लेकिन इनके परिवार के रहने के लिए मकान तक नहीं है, ना ही घर मे पीने के पानी की कोई व्यवस्था है, यही नहीं सबसे दिलचस्प पहलू तो ये है कि हर तरह से पात्र होते हुए भी इस परिवार को शासन की किसी भी योजना का लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है, इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है, सरकारी योजनाओं का लाभ केबल और केबल उन लोगों को मिल रहा है, जो हर तरह से सक्षम है, लेकिन जो वाकई जरूरत मंद है उन्हें कुछ नहीं मिल रहा है, इस स्थिति में दिन रात खून पसीना एक करके गरीब यज्ञ नारायण किसी तरीके से अपना काम चला रहे थे, लेकिन होनी को य़ह मंजूर नहीं था, उन्हें हार्ट की बीमारी थी, परन्तु आर्थिक स्थित ठीक नहीं होने के चलते इलाज करा पाना भी संभव न हो सका, इस बीच नियति ने ऐसा खेल खेला कि गरीब परिवार पर विपत्ति कहर बन कर टूट पड़ी और तीन दिन पूर्व मदुरई मे यज्ञ नारायण मिश्रा की हार्ट अटैक से हृदय विदारक मौत हो गई, मौत के बाद य़ह स्थित निर्मित हुई कि वंहा से गृह ग्राम मृतक पिता के शव को लाने, मृतक की बेटी को दर दर की ठोकरें खानी पड़ी, मृतक की बेटी गुढ़ विधायक सहित तमाम जिम्मेदारो से मदद की भीख मांगती रही रोती बिलखती रही लेकिन, समाज के जिम्मेदार और मूर्धन्य लोग मूकदर्शक बन कर तमाशा देखते रहे, किसी ने इस गरीब परिवार की पुकार नहीं सुनी आखिर कार गांव और रिश्तेदार मिल कर पाई पाई इकट्ठा किए तब जाकर, गरीब की बेटी अपने पिता के शव को लाने में सफल हो पाई है, माना जा रहा है कि आज देर शाम तक यज्ञ नारायण मिश्र का शव उनके गृह ग्राम तमरा पहुंच जायेगा,

इधर गरीब परिवार में जन्मी जरूरत मंद बेटी की करुण पुकार सुनकर विप्र सेवा संघ अध्यक्ष राजीव शुक्ल और उनकी टीम के अलावा भी कई अन्य लोग सामने आए और पीड़ित मानवता की सेवा में, परिवार के लिए हर संभव मदद करने का संकल्प लिया, और मदद में अहम योगदान भी दिया गया, साथ ही अंतिम संस्कार के लिये लिए पूरी तरह मदद का जिम्मा उठाया गया, जिसके बाद आर्थिक संकट से जूझ रही है बेटी ने राहत की सांस ली,

आप को बता दे कि मृतक की बेटी ने सोशल मीडिया के माध्यम से मदद की गुहार लगाई थी, जिसके बाद विप्र सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव शुक्ला को लोकमणि शुक्ला और सोशल मीडिया से जानकारी प्राप्त हुई और वे पीड़ित परिवार के घर पहुंच कर उनसे रूबरू होते हुए, 40 से 50, हजार रूपये की आर्थिक मदत की, साथ ही मृतक के बच्चे की पढ़ाई, और मकान बनाने के लिये भी हर संभव मदद का आश्वासन दिया, यही नहीं सरकारी योजनाओं का लाभ पीड़ित परिवार को दिलाए जाने की दिशा मे भी पहल करने को लेकर आश्वस्त किया, इस अवसर पर रीवा दर्शन संपादक व इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट जिलाध्यक्ष उपेन्द्र द्विवेदी, युवा समाजसेवी रामू गर्ग मौजूद रहे जिनके द्वारा पीड़ित परिवार को खाद्यान्न उपलब्ध कराए जाने की जिम्मेवारी ली गई है,

विप्र सेवा संघ की तरफ से मदत करने बाले सदस्यों में प्रमुख रूप से राजीव शुक्ला, के अलावा सागर मिश्रा, विवेक तिवारी, बेनीमाधब शर्मा, डॉ एस एन तिवारी, अजय पाण्डेय, नीरज दुबे, प्रो महेश शुक्ला, हेमंत चतुर्वेदी,जानबी गौतम, मुनीश तिवारी, आनंद मिश्रा, अंजनी शुक्ला, अशोक मिश्रा, विनय त्रिपाठी, धीरेन्द्र पाण्डेय, शिवाकांत पाण्डेय, नित्यानंद मिश्रा, अमित पाठक, गोलू गौतम, शिवम प्यासी और अमित त्रिपाठी का अहम योगदान रहा।

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