गांवों में जर्जर व झूलते हुए लगे हैं तार बिजली के झूलते तारों के कारण प्रतिवर्ष दर्जनों मवेशियों की होती है मौत,बिजली विभाग को नहीं आ रहा है होश
रीवा जिले के गुढ़ थानांतर्गत ग्राम दानी(बेला) निवासी मनोज कुमार मिश्रा की दुधारू मुर्रा भैंस की बिजली के झूलते तार में फंसकर दर्दनाक मौत हो गई। इस बेरोजगारी के हालत में मनोज मिश्रा के पास एक भैंस ही जीविकोपार्जन का साधन थी किंतु वो भी बिजली विभाग के जेई व अधिकारियों की लापरवाही व उदासीनता के चलते बिजली विभाग के बलि चढ़ गई।
आपको बता दें कि बिजली के झूलते तार में फंसकर भैंस मरने की यह कोई पहली घटना नहीं बल्कि प्रतिवर्ष दर्जनों ऐसी घटनाएं घटित होती हैं किंतु धन्य हैं हमारे बिजली विभाग के महामहिम जेई साहब जिनको आज तक होश नहीं आया कि झूलते जर्जर व खुले तारों को दुरूस्त करवा सकें।
बड़े अधिकारी हैं सुस्त तो बेचारे छोटे कर्मचारी क्या करें?
आपको बता दें कि मनिकवार डीसी का जेई इतना लापरवाह व उदासीन है कि आफिस तो कभी आता नहीं फील्ड की बात ही दूर।यदि कोई हितग्राही अपनी समस्या को लेकर फोन पर सम्पर्क करना चाहे तो माननीय जेई साहब का फोन इतना वजनी है कि उठता ही नहीं, ऐसे हालात में हितग्राही या आमजनता करे तो करे क्या? वहीं यदि हम बात करें बिजली विभाग के निम्न व आउटसोर्स कर्मचारियों की तो उन बेचारों का कोई दोष नहीं है,दिन-रात फील्ड में ईमानदारी से लगे रहते हैं किंतु विभाग जब तार केबिल उपलब्ध ही नहीं करवाता तो निम्न कर्मचारी क्या करें? उसी जर्जर तार को जोड़ते-तंगोड़ते रहते हैं कि किसी तरह बिजली जले लोगों के घरों में अंधेरा न हो। कुल मिलाकर बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा है कि बिजली के झूलते तारों के कारण प्रतिवर्ष घटनाएं घटित होती हैं और आदमी व मवेशी बेमौत मारे जाते हैं। पीड़ित किसान मनोज मिश्रा ने मीडिया के माध्यम से शासन-प्रशासन से गुहार लगाई है कि मेरी छतिपूर्ति की जाय ताकि मैं अपने परिवार का भरण-पोषण सुचारू रूप से कर सकूं क्योंकि मेरी जीविका का साधन एकमात्र भैंस थी जो बिजली विभाग की लापरवाही की बलि चढ़ गई।