दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं – अमेरिका और चीन – के बीच बढ़ती टैरिफ वॉर ने वैश्विक बाजार में उथल-पुथल मचा दी है। इस आर्थिक तनाव का सीधा असर सोने की कीमतों पर देखने को मिल रहा है। शुक्रवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) में गोल्ड फ्यूचर्स 93,736 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमतें 3,200 डॉलर प्रति औंस के पार चली गईं, जो अब तक की सबसे ऊंची दर है।
तेजी से बढ़ी कीमतों ने बनाया नया इतिहास
इससे पहले अप्रैल के पहले सप्ताह में सोना 91,400 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर था, जबकि 3 अप्रैल को यह 91,423 और 10 अप्रैल को 92,400 रुपये पर कारोबार कर रहा था। इस तेजी से निवेशकों को भारी मुनाफा हुआ है। कुछ ही दिनों में सोने की कीमत में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है, जिसने निवेशकों की झोली भर दी है।
निवेशकों को हो रहा जबरदस्त फायदा
सोने ने इस साल की शुरुआत से अब तक जबरदस्त रिटर्न दिया है। साल 2024 में सोने ने लगभग 28 फीसदी तक का रिटर्न दिया था और 2025 में इसकी शुरुआत 2650 डॉलर प्रति औंस से हुई थी। अब यह 3200 डॉलर से ऊपर ट्रेड कर रहा है। इस रफ्तार से यह कहना गलत नहीं होगा कि सोना एक बार फिर निवेशकों की पहली पसंद बन गया है।
एक्सपर्ट्स की राय: सतर्क रहना जरूरी
हालांकि, बाजार विशेषज्ञों की राय है कि निकट भविष्य में इतनी तेज रफ्तार की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। फाइनेंशियल एक्सपर्ट अमित गोयल के अनुसार, अगले 6-8 महीनों में सोने में दबाव रह सकता है। हालांकि, लंबी अवधि के नजरिए से सोना अब भी एक मजबूत निवेश विकल्प बना रहेगा। उनका मानना है कि अगले 3-4 सालों में सोना 4000-5000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है।
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