पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर ईवीएम, वीवीपैट और चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं। भोपाल में बुधवार को उन्होंने कहा, ‘मेरा आरोप है कि चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं है, दबाव में है। आयोग से हम निष्पक्षता की उम्मीद करते हैं। ईवीएम का सारा काम प्राइवेट लोगों के हाथ में है। जब सॉफ्टवेयर ही सब करता है तो वही तय करेगा सरकार किसकी बनेगी।’
आईआईटीयन अतुल पटेल ने दिया डेमो
दिग्विजय सिंह ने आईआईटीयन अतुल पटेल के माध्यम से ईवीएम में गड़बड़ी का डेमो दिया। इस दौरान एक ईवीएम में 10 वोट डाले गए। उन्होंने बताया कि 2017 में वीवीपैट का ग्लास बदल दिया गया था। वोट डालने के बाद 7 सेकेंड के लिए वीवीपैट में लाइट जलती है। वोटर पर्ची देखकर चला जाता है।
तरबूज का बटन दबाया, पर्ची सेब की निकली
आईआईटीयन अतुल पटेल ने मशीन की गड़बड़ी को दिखाने के लिए एक चिह्न तरबूज को दो वोट डाले। पहले वोट पर तरबूज की पर्ची वीवीपैट में दिखी। दूसरी बार तरबूज का बटन दबाया तो सेब की पर्ची प्रिंट हुई। अतुल ने कहा, 2013 से चुनावी प्रक्रिया पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। हम बैलेट पेपर से वोटिंग की लड़ाई लड़ रहे हैं।
इलेक्शन का मालिक न मतदाता, न अधिकारी-कर्मचारी – दिग्गी
भोपाल में श्यामला हिल्स स्थित अपने निवास पर दिग्विजय ने कहा, 140 करोड़ आबादी वाले देश में जहां 90 करोड़ मतदाता हैं तो क्या हम ऐसे लोगों के हाथ में ये सब तय करने का अधिकार दे दें। पूरी इलेक्शन प्रोसेस का मालिक न मतदाता है, न अधिकारी-कर्मचारी हैं। इसका मालिक सॉफ्टवेयर बनाने और डालने वाला है। उन्होंने कहा, सवालों के जवाब चुनाव आयोग नहीं दे रहा है। हमसे कहते हैं कि 7 सेकंड के लिए वीवीपैट दिख जाता है, लेकिन वो जो दिखता है वही छपता है इसकी क्या गारंटी है?