कल्पना कीजिए… गांव में लपटें उठ रही हों, किसान बदहवास भाग रहे हों, और तभी उम्मीद की तरह एक दमकल की गाड़ी शोर मचाते हुए घटनास्थल पर पहुंचे। लेकिन ठीक अगले ही पल वही गाड़ी खुद आग की भेंट चढ़ जाए—तो कैसा लगेगा? मध्य प्रदेश के शिवपुरी ज़िले की पोहरी तहसील के भैंसरावन गांव में ऐसा ही एक दिल दहला देने वाला वाकया सामने आया है, जिसने प्रशासन से लेकर आम जनमानस तक को चौंका दिया है। दरअसल, किसान बलदेव सिंह के खेत में भूसे में आग लगने की सूचना मिलते ही दमकल विभाग सक्रिय हुआ और फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची—but what happened next was completely unexpected. आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और वह दमकल की गाड़ी को भी निगल गई। राहत की बात ये रही कि किसी भी तरह की जान-माल की हानि नहीं हुई, लेकिन आग बुझाने आई गाड़ी का खुद जल जाना गंभीर सवाल खड़े करता है।
जिस खेत में आग लगी थी, वहां हाल ही में गेहूं की कटाई हुई थी। खेत में बचा भूसा पूरी तरह सूखा हुआ था—और यही चिंगारी के संपर्क में आकर तबाही का कारण बना। देखते ही देखते आग ने आस-पास के खेतों को भी चपेट में ले लिया। मौके पर फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची, लेकिन आग इतनी तीव्र थी कि उसे नियंत्रित करने से पहले ही फायर टेंडर लपटों में घिर गया। गाँववाले भी बचाव में जुटे, कईयों ने अपने स्तर पर गाड़ी को धक्का देकर बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन वह विफल रहे। इस पूरी घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें जलती हुई दमकल गाड़ी धू-धू कर राख होती दिखाई दे रही है। लोगों की आंखों में डर, निराशा और बेबसी साफ देखी जा सकती है।
यह हादसा केवल एक तकनीकी चूक नहीं, बल्कि सिस्टम की तैयारियों पर भी सवाल है। क्या दमकल विभाग के पास इतने गंभीर हालात से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं? क्या खेतों में आग लगने की बढ़ती घटनाओं पर प्रशासन की कोई रणनीति है? मध्य प्रदेश में इन दिनों गेहूं की कटाई के बाद खेतों में आग लगने की घटनाएं आम हो चली हैं, लेकिन इन पर नियंत्रण की गंभीर कोशिशें नहीं दिख रही हैं। फिलहाल पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और आग लगने के असल कारणों का पता लगाया जा रहा है। वहीं प्रशासन भी सतर्कता बढ़ाने की बात कह रहा है।