Wednesday, December 10, 2025

आत्म सशक्तिकरण से राष्ट्र सशक्तिकरण : सैनिक और साधक की एक जैसी सेवा भावना

सैनिक और साधक: एक ही लक्ष्य, मानवता की सेवा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राजस्थान में एक महत्वपूर्ण समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सैनिक और साधक में मूल रूप से कोई अंतर नहीं है। दोनों का प्रमुख उद्देश्य मानवता की सेवा करना है। सैनिक जहां सीमाओं की रक्षा कर देश को सुरक्षित बनाते हैं, वहीं साधक आंतरिक शांति और समाज की आध्यात्मिक उन्नति के लिए कार्य करता है। दोनों मिलकर एक बेहतर, सुरक्षित और शांतिपूर्ण समाज की स्थापना में योगदान देते हैं।

आत्मबल और मानसिक शक्ति: सैनिकों की अदृश्य ताकत

सिंह ने कहा कि सैनिकों को केवल शारीरिक ताकत ही नहीं, बल्कि मानसिक बल की भी आवश्यकता होती है। जब हमारे सैनिक बर्फीले ग्लेशियरों और घने जंगलों में रहते हैं, परिवार से महीनों दूर रहते हैं, तब उन्हें मानसिक ऊर्जा की बेहद ज़रूरत होती है। ऐसे समय में उनके अंतर्मन की शक्ति ही उन्हें प्रेरित करती है। मानसिक स्वास्थ्य को मज़बूत बनाए रखने के लिए ब्रह्माकुमारीज़ जैसे संस्थानों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

‘आत्म सशक्तिकरण से राष्ट्र सशक्तिकरण’ अभियान का शुभारंभ

राजनाथ सिंह ने ब्रह्माकुमारीज़ के शांतिवन मुख्यालय में “सेल्फ एम्पॉवरमेंट टू नेशनल एम्पॉवरमेंट” अभियान की शुरुआत की। यह पहल देशभर में आत्म-बल को बढ़ाकर राष्ट्रीय सशक्तिकरण का संदेश देती है। यह पांच दिवसीय सम्मेलन सैनिकों, समाजसेवियों और आध्यात्मिक साधकों को एक मंच पर लाकर प्रेरणा का स्रोत बन रहा है।

आज का भारत: वैश्विक मंच पर ऊंचा सिर

राजनाथ सिंह ने बताया कि कुछ दशक पहले जब भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बोलता था, तो उसे गंभीरता से नहीं लिया जाता था। लेकिन आज, भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा इतनी बढ़ गई है कि दुनिया अब भारत की बातों को गंभीरता से सुनती है। भारत की ताकत केवल सैन्य या आर्थिक नहीं है, बल्कि इसके मूल में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक शक्ति भी शामिल है।

भीतर की खबर भी ज़रूरी: आत्मनिरीक्षण का संदेश

उन्होंने कहा कि आज की दुनिया में हमें पल-पल की अंतरराष्ट्रीय जानकारी मिल रही है, लेकिन हमें खुद के भीतर झांकने का समय नहीं मिल पा रहा। अपने विचारों, भावनाओं और मानसिक स्थिति की जानकारी होना भी उतना ही आवश्यक है जितना कि बाहरी दुनिया की। यह अभियान लोगों को आत्मनिरीक्षण, आत्मशक्ति और आत्मसाक्षात्कार की ओर प्रेरित करता है।

पहलूसैनिकसाधक
उद्देश्यदेश की सुरक्षामानवता की सेवा
कार्य क्षेत्रसीमाएं, जंगल, ग्लेशियरध्यान, साधना, समाजसेवा
आवश्यक बलशारीरिक बल + मानसिक शक्तिमानसिक बल + आत्मशक्ति
प्रेरणा स्रोतदेशभक्ति, समर्पणआत्मचिंतन, सेवा भावना
समाज पर प्रभावराष्ट्रीय सुरक्षा और शांतिआध्यात्मिक जागरूकता और सामाजिक सुधार
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