दुनिया आज फिर एक बार प्रकृति के कहर से सहम गई। शुक्रवार, 28 मार्च 2025 को दोपहर के समय दक्षिण-पूर्व एशिया की धरती उस वक्त हिल उठी जब म्यांमार के सागाइंग इलाके के पास 7.7 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया। यह झटका इतना जबरदस्त था कि सिर्फ म्यांमार ही नहीं, बल्कि थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक, चीन और भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों तक इसके असर महसूस किए गए। पहले झटके के बाद 12 मिनट के भीतर 6.4 तीव्रता का एक और झटका आया, जिसने तबाही की तस्वीर और भयावह बना दी। इस प्राकृतिक आपदा ने मानव जीवन की नाज़ुकता और हमारी व्यवस्थाओं की तैयारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के मुताबिक़ भूकंप का केंद्र म्यांमार के सागाइंग शहर से 16 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में मांडले के पास, धरती से मात्र 10 किलोमीटर की गहराई में था। म्यांमार सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मनडाले, नेपीडॉ, बागो और मेगवे शहरों में इमरजेंसी घोषित कर दी है। राजधानी नेपीडॉ की सड़कों पर दरारें पड़ गई हैं और कई ऊंची इमारतों के स्ट्रक्चर को नुकसान हुआ है। लोगों में दहशत का माहौल है और राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं।
सबसे ज्यादा तबाही की तस्वीरें सामने आई हैं थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक से, जहां भूकंप के झटकों ने शहर की नींव हिला दी। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में देखा जा सकता है कि गगनचुंबी इमारतें ताश के पत्तों की तरह लहराने लगीं। मेट्रो स्टेशन की ट्रेनों से लेकर, छतों के स्विमिंग पूल तक के पानी सड़कों पर बहने लगे। लोग सड़कों पर चीखते-चिल्लाते, अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते दिखे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैंकॉक में सबसे ज्यादा जानमाल का नुकसान हुआ है — अब तक 20 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है और 43 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
म्यांमार में भी हालात चिंताजनक बने हुए हैं। अब तक वहां 5 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, चाइना अर्थक्वेक नेटवर्क्स सेंटर ने भूकंप की तीव्रता 7.9 मापी है और केंद्र धरती से 30 किलोमीटर गहराई में रहा। चीन के यून्नान प्रांत में भी झटके महसूस किए गए, जिससे स्थानीय लोग दहशत में अपने घरों से बाहर निकल आए। राहत की बात यह रही कि चीन और भारत के हिस्सों में फिलहाल किसी जानमाल के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है।
भारत में भूकंप के झटके मणिपुर, असम, अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड तक महसूस किए गए। पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों ने बताया कि धरती इतनी तेज़ी से हिली कि उन्हें अपने घर छोड़कर सड़कों पर भागना पड़ा। हालांकि, भारत में कोई बड़ी तबाही की खबर नहीं है, लेकिन लोगों के दिलों में डर का माहौल है।






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