बिहार के बांका जिले में ऑनलाइन जुए की लत ने एक और जान ले ली। 38 वर्षीय सुशांत कुमार सिट्टू, जो ईंट-भट्ठे के व्यवसाय से जुड़े थे, ने ड्रीम 11 और अन्य ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर 2 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर आत्महत्या कर ली।
उनका सुसाइड नोट इस बात का प्रमाण है कि कैसे जल्दी अमीर बनने की चाहत ने उनकी जिंदगी छीन ली। यह घटना न केवल व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि समाज में ऑनलाइन जुए के बढ़ते खतरों की भयावह तस्वीर पेश करती है।
लॉकडाउन में शुरू हुई जुए की लत, कर्ज के जाल में फंसे सुशांत
सुशांत ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन जुआ खेलना शुरू किया। शुरुआत में उन्होंने ड्रीम 11 और ऑनलाइन कैसीनो गेम्स पर दांव लगाना शुरू किया। कुछ बार उन्हें जीत भी मिली, जिससे उनकी लालच और बढ़ती गई।
धीरे-धीरे उन्होंने छोटे दांव से बड़े दांव लगाना शुरू कर दिया, जिससे वह कर्ज में डूबते चले गए। जब हार का सिलसिला शुरू हुआ, तो उन्होंने उधार लेकर जुआ खेलना जारी रखा, यह सोचकर कि अगली जीत से वे सारा कर्ज चुका देंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, और वे गंभीर आर्थिक संकट में फंस गए।
कर्ज के बोझ से टूटा परिवार, मानसिक तनाव बना जानलेवा
लगातार हारने के बाद, सुशांत ने दिवाकर यादव नामक व्यक्ति से ढाई लाख रुपये उधार लिए। इसके बाद उन्होंने 50,000 रुपये और कर्ज लिए। लेकिन कर्ज का आंकड़ा 2 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
जिन लोगों से उन्होंने पैसे उधार लिए थे, वे लगातार पैसे की मांग कर रहे थे। इस दबाव से उनका मानसिक तनाव बढ़ता चला गया। उनके पिता श्रवण साह के मुताबिक, जब कर्जदाताओं का दबाव असहनीय हो गया, तो उन्होंने आत्महत्या का कठोर फैसला ले लिया।
सुसाइड नोट में छलका दर्द, समाज के लिए चेतावनी
सुशांत के सुसाइड नोट से पता चला कि उन्होंने अपनी गलतियों को स्वीकार किया लेकिन इस जाल से निकलने का कोई रास्ता नहीं दिखा।
उन्होंने लिखा कि जब लॉकडाउन लगा था, तब वे घर लौटे और जुए की लत में फंस गए। छोटी जीत ने उन्हें उत्साहित किया, लेकिन अंततः उन्होंने अपना सब कुछ खो दिया। उन्होंने यह भी कहा कि इस स्थिति के लिए कोई और जिम्मेदार नहीं है, बल्कि यह उनकी खुद की गलती थी।