क्या आप जानते हैं, सिर्फ कुछ खास चीजों से ही भगवान प्रसन्न हो जाते हैं? और अगर बात हो संकटमोचक हनुमान जी की, तो हर एक भोग का मतलब एक वरदान है। जी हां, हर साल चैत्र पूर्णिमा को मनाई जाने वाली हनुमान जयंती पर लाखों भक्त हनुमान जी के चरणों में अपना शीश झुकाते हैं… लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन सिर्फ पूजा ही नहीं, बल्कि कुछ विशेष भोग चढ़ाने से उनकी कृपा तुरंत प्राप्त हो सकती है? आपका मंगल दोष, मानसिक तनाव, आर्थिक परेशानी या शत्रु बाधा – सब कुछ दूर हो सकता है, बस शर्त यही है कि भोग श्रद्धा और सही विधि से अर्पित किया जाए। सनातन धर्म की यह परंपरा सिर्फ एक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मिक संबंध की अभिव्यक्ति है। और आज हम इसी रहस्य को उजागर करेंगे कि कौन से भोग हैं हनुमान जी को सर्वाधिक प्रिय, और क्यों इनसे होता है उनका हृदय प्रसन्न।
हनुमान जी के भोग की सूची छोटी नहीं है, लेकिन कुछ प्रसाद ऐसे हैं जो उन्हें विशेष प्रिय हैं। सबसे पहले बात करते हैं पान के पत्ते की – हनुमान जी को पान चढ़ाना अत्यंत शुभ माना गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पान चढ़ाने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और शत्रु बाधाएं समाप्त होती हैं। इसके अलावा, गुड़ और चना – यह जोड़ी सरल है लेकिन अत्यंत प्रभावशाली। माना जाता है कि इसे अर्पित करने से घर में सुख-शांति और स्थिरता बनी रहती है। केले, हनुमान जी के सबसे प्रिय फलों में से एक हैं – खासकर हनुमान जयंती पर अगर केले का भोग लगाया जाए, तो स्वास्थ्य और संतान सुख की प्राप्ति होती है। वहीं, केसर युक्त मीठा चावल – इसे चढ़ाने से मंगल दोष शांत होता है और विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं। खीर का भी विशेष महत्व है – जो भक्त खीर अर्पित करते हैं, उन्हें धनलाभ और पारिवारिक समृद्धि का वरदान मिलता है। और अंत में, चूरमा के लड्डू – ये भोग बजरंगबली को विशेष प्रिय हैं। इन्हें अर्पित करने से हनुमान जी आध्यात्मिक शक्ति, साहस और दुखों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं।






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