Wednesday, November 6, 2024

Documentary on Republic Day, The Khabardar News. हमारे सपनो का भारत, हुई रिलीज, अभी देखे

कैसा हो देश मेरा, देश की बात द खबरदार न्यूज के साथ, हिन्दुस्थान देश की वर्तमान की चुनौतियों और भविष्य की संभावनाओं को टटोलती हमारी ये पेशकश प्रस्तुत है पूरी प्रस्तुति देखे गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर

Documentary on Republic Day, The Khabardar News. हमारे सपनो का भारत,

हम भारत के लोग, We are the People of INDIA. भारत के संविधान की आत्मा से निकला वह ध्येय वाक्य, जो सिखाता है हमे, अनेकता मे एकता, परस्पर सहयोग, स्वतंत्रता, अधिकार और कर्तव्य। 73 बरस बिताकर, 74वें बसन्त मे प्रवेश कर रहा है, देश का संविधान, और लोकतंत्र।हर भारतीय के सपनो मे, उसका सुन्दर सा भारत और संविधान कैसा हो, यह बात होती है। इस रिपोर्ट मे द खबरदार न्यूज इसी परिकल्पना को प्रस्तुत करने की कोशिश कर रहा है।

ऐसा गणतंत्र हमारा हो। जनजन का बने सहारा जो। बलवेदी पर वीर शहीद हुये, उनके सपनो सा प्यारा हो। हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, मंदिर मस्जिद या गुरूद्वारा हो। सबकी उन्नति के बने सहारे, सबके हाथो मे हाथ हमारा हो।

संविधान किसी लोकतान्त्रिक राष्ट्र की ताकत के मानको का सबसे पुख्ता सबूत होता है, और हमारे भारत का संविधान तो बेहद खूबसूरत है। वैसे भी किसी राष्ट्र की खुबसूरती होती है उसका गणतंत्र। किसी राष्ट्र की शक्ति होती है उसका गणतंत्र । किसी राष्ट्र की साधना है उसका गणतंत्र। किसी राष्ट्र के लिए उसकी प्राथना है उसका गणतंत्र।

आजाद भारत के इतने वर्षो मे हमने कई उतार-चढ़ाव देखे, कभी आभाव मिले तो कभी प्रभाव मिले, लेकिन आज हम भारतीयो के जहन मे कुछ ख्वाहिशे है जो पूरी होनी चाहिए। हम सबकी खुशियों के द्वार खुले, हम सबके हिस्सो के अधिकार मिले। हर बच्चे को शिक्षा स्वास्थ्य मिले, हर युवा को रोजगार मिले।

हमारे आजादी के खातिर लाखो लोगो ने खुद की बाजी लगाकर ये अमूल्य स्वतंत्रता दिलाई इसे सदैव स्मरण रखना हमारा कर्तव्य है। कितनो की जवानी गयी इसी दिन की खातिर। कितनो की कहानी गई इसी दिन की खातिर। ये आजादी बड़ी अमूल्य धरोहर है अपनी। सड़को पे रक्त की रवानी गयी इसी दिन की खातिर।

हमारे मन के इक सपनो का भारत रहता है, लेकिन असल मे हमारा भारत कैसा होना चाहिए।और हम भारत कै लिए कैसे होने चाहिए।और हमारा भारत चाहे जैसा हो लेकिन हम सबको एक साथ मिलकर देश को आगे बढ़ाना है। तो मेरे सपनो का भारत कैसा हो। ऐसा हो,या वैसा हो, या जेबो मे पैसा हो। खुशिया हो, अधिकार मिले, या कर्तव्यो का भार मिले। बात राष्ट्र की जब आयेगी, हाथो मे सबके तलवार मिले।

देश के अमर शहीदों ने हमारे देश की खातिर कुछ सपने देखे थे और हम भारतीयों का ये कर्तव्य है की हम उनके सपनों को साकार करे।और हमारे देश में गांधी जी का जन सुराज अपनाना है। दीनदयाल के मानववाद को पाना है। भगत सिंह सा बनना और बनाना है। अंबेडकर क शिक्षित समाज हमारा हो।

एक न्यूज चैनल के तौर पर हमारी कुछ जिम्मेदारिया है आपके प्रति समाज के प्रति और हमारे राष्ट्र के प्रति जिसे निभाने के खातिर. . . सच और झूठ का दायरा करते है कम। सीधे ग्राउन्ड जीरो पर उतरते है हम। तेंदुखेड़ा का भौढ़ी हो, या ददुआ का देवकली। जाते है हम वीआईपी शहर से गाव की हर गली। विकास की गुड न्यूज या गरीबों का मौन, किसको दे साबाशी, गलती के पीछे कौन। तहरीर लिखेंगे,तसदीक करेंगे, आपके हक की आवाज बनेगे। गर मिला आपका साथ, बदले भारत की नई तस्वीर रचेंगे। खबरदार है हम सबको खबरदार करेंगे।

शहरों का इश्क दिखाते है। शक्सियतों से रूबरू कराते है, The ब्रांड of every city vale, हम शहरयार कहलाते है।.

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Post by: Anupam Anoop.

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