धार। धार नगरीय निकाय चुनाव में 30 वार्डो के परिणाम में 18 पार्षद भाजपा के, 09 पार्षद कांग्रेस के तथा 03 पार्षद निर्दलीय भाजपा समर्थित उम्मीदवार निर्वाचित हुए हैं। भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद धार नगर में भाजपा की परिषद बनने जा रही हैं। भाजपा के कई पिछड़े वर्ग के दिग्गज नेताओं ने अपनी पत्नी को चुनाव मैदान उतारा था और अध्यक्ष पद की दावेदारी पेश कर रहे हैं। आपको बता दें कि आम लोगों से लेकर भाजपा के नेताओं में अध्यक्ष पद के लिए बेचैनी देखी जा रही हैं और राजनीतिक विश्लेषकों की रायशुमारी भी की गई हैं कि अध्यक्ष पद का सबसे सशक्त दावेदार कौन होगा? आम जनता की नजर में कैसा हो नगर पालिका का अध्यक्ष? भाजपा संगठन की ओर से किस पार्षद को अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार बनाया जायेगा! यह सारे सवाल धार नगर की आम जनता के मन में चल रहे हैं। अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद का फैसला 12 फरवरी 2023 को होने जा रहा है। धार नगर पालिका का अध्यक्ष पद पिछड़े वर्ग की महिला के लिए आरक्षित हैं।
ये हो सकते है उम्मीदवार
नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए संभावित चार नाम सामने आ रहे हैं। जिनमें प्रमुख रूप से श्रीमती अनिता डॉ रमाकांत मुकुट, श्रीमती आशा शिव पटेल, श्रीमती टीना विपिन राठौर, श्रीमती ज्योति कालीचरण सोनवानिया के नाम संभावित प्रमुख रूप से सामने आ रहे हैं।
भाजपा की ओर से अध्यक्ष पद के लिये संभावित योग्य उम्मीदवार के रूप में श्रीमती अनिता डॉ रमाकांत मुकुट हैं। जो उच्च शिक्षित होकर साफ स्वच्छ छवि के अनुशासित उम्मीदवार दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा श्रीमती आशा शिव पटेल भी अपनी दावेदारी पेश कर रही हैं क्योंकि शिव पटेल अनुभवी व भाजपा के वरिष्ठ नेता माने जाते हैं। आम जनता की नजर में श्रीमती आशा शिव पटेल आम लोगों के साथ न्याय कर पायेगी? इस सवाल के जवाब में राजनीतिक विश्लेषकों की राय जानी गई तो मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आई। आम लोगों का कहना है कि शिव पटेल बस व्यवसायी होकर, आर्थिक रूप से सम्पन्न होने के कारण हो सकता है कि गरीब व निर्धन व्यक्ति की सुनवाई व पहुंच न होने के कारण आम जनता न्याय मिलने से वंचित रह सकती हैं। तीसरा नाम श्रीमती टीना विपिन राठौर का नाम उभरकर सामने आ रहा है। विपिन राठौर भाजपा के युवा नेता हैं जो संगठन के कार्यो में अपनी राजनीतिक योग्यता को प्रमाणित करने में लगे हुए हैं। इनके बारे में राजनीतिक पंडितो का कहना है कि संतोषजनक सेवाभावी उम्मीदवार हो सकते हैं, जो संगठन के साथ मिलकर कार्य कर सकते हैं। इसके अलावा अगर वर्मा गुट का पलड़ा भारी होता है तो फिर श्रीमती ज्योति कालीचरण सोनवानिया के नाम का प्रस्ताव रखा जा सकता है। कालीचरण सोनवानिया पूर्व में नगर पालिका के उपाध्यक्ष पद पर रहे हैं और अच्छा खासा राजनीतिक अनुभव भी रखते हैं। सोनवानिया व्यवहार कुशल, मिलनसार भी हैं।राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा की गुटबाजी को देखते हुए श्रीमती ज्योति कालीचरण सोनवानिया के नाम पर सहमति बनना आसान दिखाईं नहीं दे रहा है। धार नगर की जनता ऐसा नगर पालिका अध्यक्ष चाहती हैं जो गरीब, निर्धन, लोगों की समस्याओं को सुने औऱ उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ दिला सके साथ ही अध्यक्ष का कार्य एवं व्यवहार आम आदमी के साथ सहज व सरल हो। सुगमता से उपलब्ध हो सके।
पूर्व अध्यक्ष रहे निष्क्रिय
विगत वर्षों में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष निष्क्रिय, और मनमानी के चलते व भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए रहे हैं जिन्होंने आम गरीबों की दैनिक समस्याओ पर कोई ध्यान नहीं दिया। धार नगर की जनता पूर्व में अपने आपको ठगा हुआ सा महसूस कर रही थी इसीलिए इस बार निष्पक्ष, ईमानदार, कर्मठ, व्यवहार कुशल प्रशासक को अध्यक्ष पद पर देखना चाहते हैं।
अब देखना होगा कि राजनीति में ऊंट किस करवट बैठता है। वर्तमान समय में भाजपा दो खेमे में बंटी नजर आ रही हैं। वर्मा गुट की चली तो श्रीमती ज्योति कालीचरण सोनवानिया या श्रीमती आशा शिव पटेल को चुना जा सकता है और राजीव यादव गुट का पलड़ा भारी हुआ तो श्रीमती टीना विपिन राठौर या श्रीमती अनिता डॉ रमाकांत मुकुट के नाम पर मोहर लग सकती हैं।
उपाध्यक्ष पद के ये रहे दावेदार
नगर पालिका अध्यक्ष के बाद उपाध्यक्ष पद का चयन होगा। उपाध्यक्ष पद की दौड़ में अजीत जैन पिता अशोक जैन का पलड़ा सबसे भारी नजर आ रहा है। अजीत जैन युवा औऱ आर्थिक रूप से सम्पन्न व्यक्ति माने जाते हैं जो समय आने पर संगठन की गतिविधियों को संचालित करने में सहायक होंगे। अजीत जैन के पिता श्री अशोक जैन पूर्व में नगर पालिका के अध्यक्ष पद पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़े होकर भाजपा के प्रत्याशी को पराजित करने में भूमिका निभाई थी। इसके अलावा दो बार के पार्षद रहे रवि मेहता का नाम सामने आ रहा है, जो भाजपा के जिलाध्यक्ष के करीबी माने जाते हैं। भाजपा संगठन अगर अध्यक्ष पद पर पिछड़े वर्ग की महिला के लिए आरक्षित होने के कारण उपाध्यक्ष पद पर पुरूष अनुसूचित जनजाति का ट्रम्प कार्ड चलती हैं तो आरएसएस के कार्यकर्ता, पूर्व पार्षद श्री गेंदालाल बमनका जो राजनीतिक रूप से कुशल अनुभवी, व्यवहार कुशल, प्रशासक के रूप में ईमानदार साफ स्वच्छ छवि के लिए जाने पहचाने जाते हैं। वर्तमान में भाजपा की ओर से सबसे ज्यादा मतो से जीत दर्ज करके पार्षद बने हैं। इन सभी के साथ साथ मयंक महाले का नाम भी उपाध्यक्ष पद की दौड़ में बना हुआ है।