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Friday, November 15, 2024

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DABHAURA NEWS नगर परिषद में डभौरा के युवाओं को भर्ती कि जाने के उठी मांग

सीएमओ केएन सिंह द्वारा नगर परिषद डभौरा में किए गए भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच की मांग, 90 लाख रुपए गमन का मामला एवं नगर परिषद में की गई फर्जी नियुक्ति प्रमुख निर्माण कार्यों में भ्रस्टाचार का बोलबाला, कलेक्टर महोदय एवं नगरी प्रशासन अधिकारी से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है नगर परिषद अध्यक्ष माया गुप्ता, सेंडीज से भी बड़ा घोटाला नजर आया नगरीय प्रशासन के उच्च अधिकारी को आवेदन देकर जांच की मांग की है भाजपा युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष रावेद्र दीक्षित

नगर परिषद के डभौरा में यहां के युवाओं को भर्ती कि जाने के उठी मांग जो फर्जी भर्ती हुई है उसे भंग करके एवं वसूली करके यहां के युवाओं को दिया जाए मौका, जो आज तक नगर परिषद के नाम पर इनके खाते में रुपए जो गई है उनसे वसूली करके अपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाए सभी के ऊपर नहीं तो कई समाजसेवी संगठन द्वारा किया जाएगा नगर परिषद में ताला बंद कर उग्र आंदोलन इसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी, डभौरा नगर परिषद सारे रिकॉर्ड तोड़ दीया भ्रष्टाचार करने का एक एक बूंद पानी को तरस रहे हैं लोग कागजों में सीमित है विकास सभी ने उठाया मौके का फायदा आदर्श नगर परिषद को नरक परिषद बनाकर नाली निर्माण में हुआ जम के भ्रष्टाचार, नगर परिषद डभौरा 2021एव 2022 में, फर्जी की गई कर्मचारियों के नियुक्ति नगर परिषद में ₹5 लाख में की गई भर्ती कर्मचारियों की पूर्णता गलत, और भी कर्मचारी अधिकारी राजनेता आ सकते हैं घेरे में.

नगर परिषद डभौरा को जहां आदर्श बनाने का दावा किया जा रहा था वहीं सीएमओ के एन सिंह ने नरक परिषद बना दिया विकास की गंगा बहाने के बजाए नर्क की गंगा बहा कर चलता बने मिली जानकारी के मुताबिक सीएमओ के एन सिंह ने नवगठित नगर परिषद का जैसे ही गठन हुआ वैसे ही डभौरा पधार गए धीरे-धीरे उनका खेल शुरू हुआ सामान खरीदी कंप्यूटर खरीदे से लेकर बड़ी-बड़ी मशीनें नगर परिषद में आने वाले जरूरत की सामग्री को खरीदने में भारी भ्रष्टाचार एवं कमीशन का मामला धीरे-धीरे प्रकाश में आता रहा सीएमओ केएन सिंह द्वारा सबसे शुरुआत में अपने सजातीय विश्वासपात्र स्टाफ की पदस्थापना कराई जिसमें मुख्य रुप से सुशील त्रिपाठी के खाते में 27152 नेहा सिंह के खाते में 27152 दिनेश प्रसाद साकेत के खाते में 20873 राकेश कुशवाहा के खाते में 208 73 विनीत सिंह तोमर के खाते में 16820 भोला प्रसाद पूर्व के खाते में 16820 कमलेश साकेत के खाते में 20873 गौरव चौरसिया के खाते में 208 73 विकास सिंह बघेल 23687 अर्पणा यादव 18564 पंकज सिंह 20873 सत्यम सिंह 20876 विपिन तिवारी 20873 मुकेश कुमार सेन 16820 सतीश , द्विवेदी मुनेंद्र पांडे विकास पांडे विकास सिंह अंकुश सिंह सहित 35 लोग की लिस्ट प्रकाश में आई फिर कूट रचित फर्जी बिल बाउचरों के जरिए नगर परिषद के राशि का बंदरबांट का खेल शुरू किए सीएमओ के एन सिंह ने नगर परिषद के चुनाव को भी टालने का सारा प्रयास किया परंतु उनकी दाल नहीं गली और नगर परिषद के चुनाव की घोषणा कर दी गई इस बीच स्थानीय होने के कारण चुनाव आयोग ने उन्हें जिले से बाहर कर दिया 7 से 8 माह तक केएन सिंह बाहर रहे फिर वह पुनः से डभौरा में पदस्थापना कराने में सफल रहे इस बीच के एन सिंह ने संविलियन के नाम पर लगभग 45 से 50 लोगों की अवैध नियुक्तियां कर डालें जबकि ग्राम पंचायत में सिर्फ 2 आदमी का स्टाफ होता है सचिव और रोजगार सहायक इसके अलावा कोई कर्मचारी नहीं होते हैं सरपंच जनप्रतिनिधि होता है 7 पंचायतें नगर परिषद डभौरा मे थी सातों पंचायत के सचिव रोजगार सहायक जनपद पंचायत जवा वापस चले गए क्योंकि यह जनपद पंचायत के कर्मचारी थे इस कारण वापस चले गए परंतु सीएमओ साहब ने पंचायत के संविलियन के नाम पर 49 लोगों की फर्जी नियुक्ति कर डाली किसी को कानो कान तक नियुक्ति की भनक नहीं हुआ पूरा स्टाफ सीएमओ के एन सिंह के कूट रचित इस षड्यंत्र में पूरी तरह शामिल रहा किसी को कोई भनक नहीं लगी चर्चा में यह बात जरूर आती थी कि सीएमओ साहब 3–3 लाख रुपए लेकर नियुक्ति किए हुए हैं नवगठित नगर परिषद के चुनाव होने के बाद गठित अध्यक्ष उपाध्यक्ष पार्षद ने जब पूरे स्टाफ की जानकारी मांगी उन्हें लिखित रूप से 12 आदमी के स्टाफ की जानकारी दी गई एवं चार सफाई कर्मचारियों की जानकारी दी गई मामला इसी तरह चलता रहा सीएमओ के एन सिंह के और अध्यक्ष के बीच फर्जी बिल बाउचरों को लेकर खींचातानी शुरू हुई एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने लगे इस बीच सीएमओ ने नियुक्त किए गए 49 लोगों के खाते में नगर परिषद का ₹90 लाख लगभग वेतन के नाम पर खाते में डाल दिए जिनके खाते में राशि भेजी गई है वो सीएमओ केएन सिंह के पुत्र बहू पत्नी ग्राम पंचायत के सचिव के पति सरपंच के पति पत्नी सरपंच के भतीजे सचिव के भतीजे सचिव के लड़के सरपंच सचिव के नौकरों के खाते में इसी तरह से लेकर यहां से रीवा मऊगंज तमाम जगह के लोगों के नियुक्ति करके उनके खाते में कई माह का वेतन इकट्ठा डाल दिए धीरे-धीरे इस मामले की भनक नगर परिषद के अध्यक्ष उपाध्यक्ष एवं पार्षदों को लगी उन्होंने बैठक में सीएमओ के एन सिंह से नगर परिषद के खाते से 90 लाख रुपए निकाले जाने की जानकारी चाही लेकिन सीएमओ के एन सिंह बैठक से भागकर कमरे में चले गए और कोई जानकारी नहीं दी तब से अध्यक्ष उपाध्यक्ष सहित सभी पार्षद मामले को खंगालने लगे तब जाकर के बैंक से वेतन की लंबी सूची मिली और लगभग 90 लाख रूपए 1 महीने में सीएमओ के एन सिंह ने डायरेक्ट भुगतान कर दिया जबकि बिगर अध्यक्ष के अनुमोदन अनुमति यह राशि भुगतान नहीं की जा सकती है लेकिन सीएमओ ने चोरी चोरी इस लंबी राशि का खेल खेल लिया जानकारी होने पर नगर परिषद अध्यक्ष माया देवी गुप्ता अपने पार्षदों के साथ कलेक्टर रीवा संयुक्त संचालक नगरी प्रशासन रीवा सहित समस्त वरिष्ठ अधिकारियों को लेकर के पूरे मामले की जांच की मांग की है इस बीच शासन प्रशासन ने सीएमओ केएन सिंह का स्थानांतरण डभौरा से हटकर कहीं अन्यत्र कर दिया गया है परंतु ऐसे भ्रष्ट सीएमओ की जांच एवं कार्यवाही अभी भी पेंडिंग है क्षेत्रीय जनता सामाजिक कार्यकर्ता समाजसेवी लोगों ने कलेक्टर रीवा संयुक्त संचालक नगरी प्रशासन रीवा माननीय मुख्यमंत्री महोदय मध्य प्रदेश शासन भोपाल आयुक्त नगरी प्रशासन भोपाल से पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कर सीएमओ के एन सिंह के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज कर निलंबित किए जाने की मांग की है ।

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