लेखक ————— शेर सिंह कुस्तवार
कांग्रेस पार्टी के संगठन में हाल ही में एक बड़ा झटका लगा है। पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष और जिला पंचायत सदस्य गीता मांझी ने अपने आंतरिक विचारों के कारण बीजेपी का साथ जोड़ लिया है उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल के हाथों ली बीजेपी की सदस्यता! यह घटना कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ी हार है और इसने पार्टी के संगठन में गहरे आंतरिक विवादों को उजागर किया है।
गीता मांझी का बीजेपी में शामिल होना भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। इससे यह स्पष्ट होता है कि बीजेपी का असर और प्रभाव बढ़ रहा है, जो कांग्रेस के खिलाफ भाजपा के पक्ष में जानी जा सकती है। यह विकल्प भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक चयन है जो आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
गीता मांझी की बीजेपी में शामिलता ने कांग्रेस के नेताओं के लिए एक चिंता का विषय बना दिया है। यह उन्हें आगामी चुनावों के लिए और भी जटिल बना देता है, क्योंकि वे अपने संगठन को संघर्ष और विवादों से गुजरने के बाद भी समेटने की कोशिश कर रहे हैं। इस तरह की घटना संगठन की विकृति को दर्शाती है और उसे मजबूत विपक्षी दलों के लिए एक अवसर के रूप में देखा जा सकता है।
गीता मांझी के बीजेपी में शामिल होने से भाजपा को कांग्रेस के क्षेत्रों में और भी मजबूती मिलेगी। यह भाजपा के लिए एक बड़ा लाभ हो सकता है और इससे पार्टी की राजनीतिक प्रवृत्ति में भी बदलाव आ सकता है। इस तरह के विपरीत परिवर्तन के संकेत दिए जा रहे हैं, जो भाजपा को आगे बढ़ने में मदद कर सकते हैं और कांग्रेस को और भी दबाव में डाल सकते हैं।