मध्य प्रदेश में एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है, जिसने चार लाख से अधिक परिवारों की धड़कनें तेज कर दी हैं। वीडियो में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कुछ ऐसा कहते दिखे जिसने लाखों सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के चेहरों पर मुस्कान बिखेर दी। लेकिन क्या यह सिर्फ एक उम्मीद है, या फिर वाकई कोई ऐतिहासिक घोषणा सामने आने वाली है? सवाल यह भी है कि क्या ये फैसला वर्षों की उपेक्षा का अंत है या फिर आगामी चुनावी मौसम की रणनीतिक चाल?
सीएम मोहन यादव ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक वीडियो जारी करते हुए कहा – “मुझे प्रसन्नता है कि विगत 8 वर्षों से लंबित प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों-अधिकारियों की पदोन्नति की मांग जल्द ही पूरी होने जा रही है।” मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने अलग-अलग स्तरों पर चर्चा कर इसका समाधान ढूंढ लिया है। उनका दावा है कि अब पदोन्नति की घोषणा मात्र औपचारिकता बची है। इस घोषणा से सीधे तौर पर चार लाख से अधिक अधिकारी-कर्मचारी लाभान्वित होंगे, जिनमें से कई लोग रिटायरमेंट के करीब हैं या इस देरी में पहले ही सेवा से विदा हो चुके हैं।
ये पदोन्नति सिर्फ एक प्रशासनिक आदेश नहीं है, यह उन लाखों कर्मचारियों की वर्षों पुरानी प्रतीक्षा और संघर्ष की कहानी है। पिछले आठ वर्षों में कितने अधिकारी बिना प्रोन्नति के सेवानिवृत्त हो गए – इसका कोई आधिकारिक आँकड़ा नहीं, लेकिन ये संख्या हजारों में बताई जा रही है। कर्मचारियों ने कई बार आवाज उठाई, ज्ञापन दिए, आंदोलन किए, लेकिन प्रशासनिक जटिलताओं और राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी ने इस मांग को बार-बार टाल दिया। अब जबकि मुख्यमंत्री स्वयं इस पर स्पष्ट रूप से बोल रहे हैं, तो उम्मीद है कि यह घोषणा सिर्फ शब्दों तक सीमित न रह जाए।
सीएम ने साफ किया कि पदोन्नति की अंतिम घोषणा मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों की बैठक के बाद की जाएगी। यानी अभी तारीख़ तय नहीं है। The Khabardar News का सवाल है – आखिरकार आठ साल से लंबित इस मसले पर तारीख़ तय करने में देरी क्यों? अगर सभी स्तरों पर सहमति बन चुकी है तो इसे लागू करने में और कितना समय लगेगा? यह सवाल न केवल कर्मचारियों के मन में है बल्कि पूरे प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था के लिए भी एक कसौटी है।





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