प्रयागराज के महाकुंभ मेले में बुधवार का दिन श्रद्धालुओं के लिए बेहद खास रहा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने 54 मंत्रियों के साथ संगम में गंगा स्नान किया, और इस अवसर पर एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। कैबिनेट बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी देने के बाद, मुख्यमंत्री और उनके सभी मंत्री संगम की ओर रुख किए और गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य कमाया। इस दौरान, योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रीगण गंगा जल की बौछार करते हुए आस्था और उल्लास में डूबे हुए नजर आए। इस धार्मिक अनुष्ठान ने केवल आध्यात्मिक अनुभव को ही बढ़ाया, बल्कि यह भी साबित किया कि योगी सरकार के लिए धर्म और संस्कृति कितनी अहमियत रखते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक भी गंगा में डुबकी लगाते नजर आए। विशेष बात यह रही कि निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद और कुछ समय पहले तक योगी सरकार के खिलाफ बयानबाजी करने वाले अपना दल नेता आशीष पटेल भी इस धार्मिक यात्रा का हिस्सा बने। ओमप्रकाश राजभर भी गंगा स्नान करने पहुंचे, और इन सभी नेताओं ने इस अवसर पर आस्था और एकता का प्रतीक बनते हुए संगम में स्नान किया। स्नान के बाद, सभी ने विधिपूर्वक पूजा की और सूर्य पूजन किया, साथ ही प्रदेश की समृद्धि और कल्याण के लिए प्रार्थनाएं कीं।
कैबिनेट बैठक के बाद, मुख्यमंत्री और उनके मंत्री अरैल वीआईपी घाट पर इकट्ठा हुए, जहाँ से उन्होंने मोटर बोट के जरिए संगम तक की यात्रा की। इस धार्मिक अनुष्ठान में मंत्रियों ने गंगा जल में डुबकी लगाने के बाद विधिपूर्वक पूजा अर्चना की, जिससे यह साबित हुआ कि योगी सरकार का यह कदम न केवल धर्मनिष्ठा का प्रतीक है, बल्कि प्रदेश में सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ावा देने का एक नया प्रयास भी है। इस गंगा स्नान के जरिए, योगी सरकार ने यह संदेश देने की कोशिश की कि बीजेपी सरकार धर्म, संस्कृति और भारतीय परंपराओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।





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