छतरपुर कलेक्टर श्री संदीप जी.आर. ने बुधवार को जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में स्वास्थ्य कार्यक्रम की समीक्षा में निर्देश दिये कि गर्भवती महिलाओं के प्रथम तिमाही पंजीयन (एएनसी) को सर्वोच्च प्राथमिकता से करें और नवविवाहिता के समग्र आईडी को अपडेट करने के निर्देश दिए। प्रत्येक होम डिलेवरी ऑडिट की रिर्पोट तैयार करें। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता घरों में होने वाली प्रसूति की जानकारी संकल्ति करें, जहां-जहां घरों में प्रसूति हुई है वहां के संबंधित को नोटिस जारी करें। बेटी बचाओ अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार करें, ऐसे अभिभावक जिनकी दो बच्चियां है और उनके द्वारा विभिन्न विधाओं में उपलब्धियां हासिल की गई है उनसे समाज को जागरूक बनाने के लिये संवाद सम्मेलन आयोजित करें।
हाई रिस्क डिलेवरी की मैपिंग करें और ऐसी महिलाओं को सतुचित उपचार व्यवस्था के लिये पूर्व से ही चिन्हित करते हुये एडमिड कराये। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत प्रथम तिमाही के पंजीयन पर जोर देते हुये हाई रिस्क महिलाओं का परीक्षण करते हुये उपचार करने तथा नवजन्मे बच्चे को तत्काल स्तनपान कराने एवं स्वास्थ्य संबंधी अन्य गतिविधियों का व्यापक प्रचार प्रसार करने तथा भ्रांतियों को खत्म करने के लिये 15 दिवस में सास-बहु इवेंट करने पर जोर दिया। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्रीमती तपस्या परिहार, प्रभारी सीएमएचओ, सिविल सर्जन, बीएमओ, डीपीएम, बीसीएम सहित अन्य स्वास्थ्य सेवा से जुड़े अधिकारी उपस्थित रहे।
कलेक्टर ने स्वास्थ्य कार्यों की समीक्षा में कम प्रोग्रेस होने पर गौरिहार, शहरी क्षेत्र छतरपुर, नौगांव तथा संस्थागत कम प्रसव होने पर बड़ामलहरा, गौरिहार एवं बिजावर बीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये तो वही पीएम सुरक्षित मातृत्व अभियान एवं एचआरपी क्लीनिक की समीक्षा में क्लीनिक का संचालन निश्चित कैलेण्डर के तहत करने के निर्देश दिये। उन्होंने सख्त लहजें में कहा कि जो भी चिकित्सक एवं स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मचारी कैलेण्डर के अनुरूप कार्य नहीं करेंगे और उपस्थित नहीं होते है तो उन्हें चिन्हित करते हुये कार्यवाही करें।
कलेक्टर द्वारा मातृत्व स्वास्थ्य के अंतर्गत गर्भवती माताओं का पंजीयन, प्रथम तिमाही पंजीयन, चार जांचें, संस्थागत प्रसव, आयुष्मान भारत, परिवार कल्याण, एनसीडी, टीबी कार्यक्रम एवं सिविल कार्यों की विकासखण्डवार समीक्षा की गई।
कलेक्टर ने एनीमिया कैंपेन अभियान की सीमक्षा में विकासखण्ड गौरिहार, राजनगर एवं बिजावर में प्रगति कम पाई जाने पर तीन दिवस में पूरा करने साथ ही मातृ एवं शिशु मृत्यु दर की सूक्ष्मता से नोडल अधिकारियों को समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि मृत्यु होने पर उनके कारणों की पहचान कर रणनीति बनाकर कार्य करें।
शिशु स्वास्थ्य समीक्षा की दौरान एसएनसीयू, पीआईसीयू एवं एनआरसी की समीक्षा में बच्चों के कम भर्ती संख्या में बीएमओ, परियोजना अधिकारी ब्लॉक लवकुशनगर, राजनगर, गौरिहार तथा बड़ामलहरा को कारण बताओं नोटिस जारी करने के निर्देश दिए तथा सीएम हेल्पलाइन में लंबित शिकायतों के संतुष्टी पूर्ण तत्काल निराकरण करने के अधिकारियों को निर्देश दिए।
जिला चिकित्सालय में आने वाले गर्भवती महिलाओं को मरीजो की अल्ट्रासाउंड जांच के साथ-साथ एचआईवी टेस्ट की जांच भी प्राथमिकता से की जाये। इसके लिये रनर तैनात करें, इस जांच हेतु महिलाएं भटके नहीं, जननी सुरक्षा योजना और 108 वाहन सेवा का प्रतिदिन कितने लोग सेवा ले रहे है की जानकारी तैयार करें।
जिला अस्पताल सहित जिले के एनआरसी केन्द्रों में क्षमतानुसार बच्चों को भर्ती कराते हुये उनका समुचित उपचार करें। जिन केन्द्रों में उपलब्धि सबसे कम है उन्हें कारण बताओ नोटिस दें