क्या आपने कभी सोचा है कि गर्मियों में आपके बाल आखिर इतने नाराज़ क्यों हो जाते हैं? न धूप पसंद आती है, न धूल, न पसीना… और अगर बालों को थोड़ा संभालने की कोशिश करें तो बाज़ार के केमिकल शैंपू उन्हें और भी बिगाड़ देते हैं। लेकिन रुकिए! एक पुराना राज़ है जिसे हमारी दादी-नानी जानते थे – एक ऐसा उपाय जो न सिर्फ बालों को जड़ से मज़बूत करता है, बल्कि उन्हें प्राकृतिक चमक और जीवन भी देता है। और मज़े की बात ये है कि ये सब हो सकता है… आपके किचन में ही। आइए, आज The Khabardar News पर जानते हैं – कैसे गर्मियों में बालों को ‘रेस्क्यू’ करें, वो भी बिना एक पैसा ज़्यादा खर्च किए।
गर्मी का मौसम अपने साथ लाता है तेज़ धूप, बढ़ता पसीना, हवा में उड़ी धूल और शहरों में फैलता प्रदूषण। नतीजा? बाल झड़ने लगते हैं, स्कैल्प चिपचिपा हो जाता है और रूसी (डैंड्रफ) बालों का पीछा नहीं छोड़ती। ऐसे में हम तेजी से भागते हैं बाजार की ओर – केमिकल शैंपू की बोतलों की तरफ, जो दिखने में चमकदार होती हैं लेकिन असर में अक्सर उल्टा कर जाती हैं। ये शैंपू न केवल बालों की नैचुरल नमी को छीन लेते हैं, बल्कि लंबे समय तक इनका इस्तेमाल बालों की जड़ों को कमजोर करता है।
यही वजह है कि विशेषज्ञ अब सलाह दे रहे हैं – बालों की देखभाल के लिए लौटिए प्रकृति की गोद में। क्योंकि देसी उपायों में है वो ताकत, जो कैमिकल में नहीं।
तो आइए, अब बात करते हैं उन घरेलू नुस्खों की जो आपके बालों को दोबारा जीवन दे सकते हैं।
👉 शिकाकाई, रीठा और आंवला शैंपू:
यह देसी कॉम्बिनेशन बालों की जड़ों को मज़बूती देता है, रूसी को हटाता है और बालों में कुदरती चमक भरता है।
कैसे बनाएं?
रातभर भिगोकर, सुबह उबालें, ठंडा करके छानें – हफ्ते में दो बार इस्तेमाल करें।
👉 एलोवेरा और नींबू शैंपू:
यह शैंपू स्कैल्प को ठंडक देता है और बालों को हाइड्रेट करता है।
रेसिपी?
एलोवेरा जेल, नींबू रस और शहद – तीनों को मिक्स कर के स्कैल्प पर लगाएं।
👉 मुल्तानी मिट्टी शैंपू:
बालों से एक्स्ट्रा ऑयल हटाकर उन्हें हल्का और साफ बनाता है।
कैसे करें इस्तेमाल?
मुल्तानी मिट्टी में गुलाबजल मिलाकर पेस्ट बनाएं, 10 मिनट में फर्क दिखेगा।
👉 दही और नारियल का शैंपू:
रूखे बालों के लिए वरदान – ये शैंपू बालों को गहराई से पोषण देता है और सॉफ्ट बनाता है।
The Khabardar News की रिपोर्ट में यह सामने आया है कि आधुनिक शोध भी अब प्राकृतिक जड़ी-बूटियों की ताकत को स्वीकार कर रहे हैं। शिकाकाई और रीठा में मौजूद नैचुरल क्लीनज़र बालों से बिना नमी छीने गंदगी हटाते हैं, वहीं एलोवेरा और दही स्कैल्प को पोषण देकर बालों की ग्रोथ को तेज़ करते हैं। इन प्राकृतिक उपायों से न सिर्फ बाल स्वस्थ होते हैं बल्कि उनमें जान भी वापस आती है।
दूसरी ओर, बाज़ार में बिकने वाले महंगे शैंपू में सल्फेट, पैराबेन और आर्टिफिशियल फ्रेगरेंस जैसी चीज़ें होती हैं, जो लंबे समय तक बालों को नुकसान पहुंचाती हैं।
हमारा उद्देश्य सिर्फ सौंदर्य नहीं, सामाजिक स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता भी है। जब आप खुद से घर पर शैंपू बनाते हैं, तो आप न सिर्फ रसायनों से बचते हैं बल्कि घरेलू संसाधनों का बेहतर उपयोग करते हैं। यह तरीका गांव-देहात की उन महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बन सकता है, जो सीमित संसाधनों में सुंदरता और स्वास्थ्य दोनों चाहती हैं।






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