गाजा में 15 महीने से भड़की युद्ध की लपटों के बीच आखिरकार शांति की घोषणा हो गई है। इज़राइल और हमास के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित युद्धविराम समझौते पर सहमति बन गई है, जो रविवार, 19 जनवरी 2025 से लागू होगा। लेकिन इस ऐतिहासिक कदम से पहले ही बुधवार, 15 जनवरी को गाजा पट्टी में इज़राइल द्वारा एक और बड़ा हमला किया गया। गाजा की सिविल डिफेंस एजेंसी के अनुसार, हाल ही में हुए इन हमलों में 86 लोगों की मौत हुई है और 258 लोग घायल हुए हैं। इन मौतों में मासूम बच्चों और महिलाओं की संख्या भी चिंताजनक है, जिससे संघर्ष की त्रासदी और अधिक गहरी हो गई है।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, गाजा की सिविल डिफेंस एजेंसी के प्रवक्ता महमूद बसल ने गुरुवार, 16 जनवरी को प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि युद्धविराम की घोषणा के तुरंत बाद हुए हमलों में 86 लोगों की जान चली गई और 258 लोग घायल हो गए। उन्होंने इसे युद्ध विराम के बाद की अवधि में सबसे बड़ी त्रासदी करार दिया। महमूद बसल ने कहा, “हम इस अस्थिरता को खत्म करने और मासूम नागरिकों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं, लेकिन इज़राइली हमले मानवीय संकट को और गहरा कर रहे हैं।”
इज़रायली रक्षा बलों ने गुरुवार को दावा किया कि उन्होंने गाजा पट्टी में करीब 50 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इस बीच, इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, “हमास द्वारा बंधक बनाए गए नागरिकों की वापसी के लिए यह युद्धविराम समझौता एक महत्वपूर्ण कदम है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शुक्रवार, 17 जनवरी 2025 को सुरक्षा मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें इस समझौते को अंतिम मंजूरी दी जाएगी। इज़राइल और हमास के बीच लंबे समय से जारी इस भीषण युद्ध को रोकने के लिए यह समझौता एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकता है, जो न केवल संघर्ष विराम सुनिश्चित करेगा बल्कि दर्जनों बंधकों की रिहाई का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।






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