क्या आप यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं? तो यह खबर आपके लिए बेहद खास है! भारत में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। 19 मार्च, बुधवार को केंद्र कैबिनेट ने “यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) इंसेंटिव स्कीम” को मंजूरी दे दी है। इस कदम से छोटे व्यापारियों और आम नागरिकों को सीधा लाभ मिलेगा। लेकिन क्या इस स्कीम में सभी को फायदा होगा? किन्हें यह सुविधा नहीं मिलेगी? आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में पूरी जानकारी!
डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इस योजना को लागू किया है। यूपीआई को टियर-3 से टियर-6 शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों तक ले जाने के लिए इसे डिजाइन किया गया है। इससे छोटे दुकानदारों और स्थानीय व्यापारियों को कैशलेस ट्रांजेक्शन का बड़ा फायदा मिलेगा। योजना के तहत, 2000 रुपये तक के यूपीआई ट्रांजेक्शन पर इंसेंटिव मिलेगा। यानी हर छोटे भुगतान पर व्यापारियों को आर्थिक सहायता दी जाएगी।
इतना ही नहीं, इस स्कीम से UPI123PAY और UPI लाइट जैसे नए फीचर्स को भी बढ़ावा मिलेगा। खासतौर पर कम वैल्यू वाले “पर्सन टू मर्चेंट” (P2M) भीम यूपीआई ट्रांजेक्शन को प्रमोट किया जाएगा। इस योजना के लिए वित्त वर्ष 2024-25 में 1,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। सरकार का लक्ष्य है कि अगले साल तक 20,000 करोड़ यूपीआई ट्रांजेक्शन पूरे किए जाएं।
सरकार की यह स्कीम मुख्य रूप से छोटे व्यापारियों को ध्यान में रखकर बनाई गई है। हर 2000 रुपये के लेन-देन पर छोटे मर्चेंट्स को 0.15% इंसेंटिव सरकार की ओर से मिलेगा। हालांकि, बड़े व्यापारियों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। अगर ट्रांजेक्शन की राशि 2000 रुपये से ज्यादा होती है, तो उस पर कोई इंसेंटिव नहीं दिया जाएगा।
यूपीआई पेमेंट को लेकर पहले भी व्यापारियों और ग्राहकों में चिंता थी कि कहीं इसके लिए अतिरिक्त चार्ज न देना पड़े। लेकिन सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि यूपीआई ट्रांजेक्शन पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा। इससे डिजिटल क्रेडिट एक्सेस को भी बढ़ावा मिलेगा और लोग आसानी से बिना किसी झंझट के यूपीआई पेमेंट कर सकेंगे।
सिर्फ व्यापारी ही नहीं, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी इस स्कीम से फायदा मिलेगा। सरकार ने बैंकों के लिए इंसेंटिव सिस्टम तैयार किया है।
80% इंसेंटिव बिना किसी शर्त के दिया जाएगा।
बाकी 20% इंसेंटिव पाने के लिए बैंकों को कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी।
10% इंसेंटिव पाने के लिए बैंक को तकनीकी असफलता दर (Technical Decline) 0.75% से कम रखना होगा।
अन्य 10% इंसेंटिव के लिए बैंकिंग सिस्टम का अपटाइम 99.5% से अधिक होना चाहिए।
इसका मतलब यह हुआ कि जो बैंक डिजिटल ट्रांजेक्शन की स्पीड और क्वालिटी में सुधार करेंगे, उन्हें सरकार की ओर से अतिरिक्त फायदा मिलेगा।
भारत में डिजिटल पेमेंट क्रांति का नया अध्याय शुरू हो चुका है। सरकार की इस नई स्कीम से छोटे व्यापारी, ग्रामीण इलाकों के लोग और आम ग्राहक सभी लाभान्वित होंगे। लेकिन इस योजना को पूरी तरह सफल बनाने के लिए जरूरी है कि लोग ज्यादा से ज्यादा डिजिटल ट्रांजेक्शन अपनाएं और नकद लेन-देन को कम करें।