सीहोर जिले के भैरूंदा नगर की जेपी मार्केट में शनिवार की रात एक दिल दहला देने वाला दृश्य सामने आया। रात के करीब 8:30 बजे जब लोग अपने घरों की ओर लौट रहे थे, तभी अचानक एक दुकान से आग की लपटें उठनी शुरू हुईं। शुरुआत में किसी ने ध्यान नहीं दिया, लेकिन कुछ ही मिनटों में यह लपटें विकराल रूप ले चुकी थीं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आग इतनी भयानक थी कि उसकी लपटें 70 फीट तक आसमान में दिखाई दे रही थीं। बाजार की रौनक, जो दिनभर गूंजती थी, अब चीख-पुकार और अफरातफरी में बदल चुकी थी।
आग की गंभीरता को देखते हुए नगर पंचायत की दो फायर ब्रिगेड और पानी के टैंकर मौके पर पहुंचे, साथ ही रेहटी से एक और फायर ब्रिगेड को बुलाया गया। लेकिन तब तक आग दो और दुकानों को निगल चुकी थी। दुखद यह रहा कि राहत कार्य के दौरान एक फायर ब्रिगेड तकनीकी खराबी का शिकार हो गई, जिससे आग बुझाने में विलंब हुआ और लपटें और तेज़ी से फैल गईं। यह घटना फिर एक बार हमारे प्रशासनिक तंत्र की तैयारियों पर सवाल खड़े कर गई है। क्या हमारे शहर की सुरक्षा व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि एक वाहन की खराबी से पूरी बाजार की जान सांसत में आ जाए?
जैसे ही आग ने अपने पैर फैलाए, प्रशासन ने आसपास की दुकानों को तुरंत खाली कराने का आदेश दिया। लेकिन तब तक कई दुकानदारों की कमाई का सामान जल चुका था। व्यापारी बदहवास अपनी दुकानों से जो कुछ बचा-खुचा सामान निकालते नजर आए। आंखों में आंसू, दिल में डर और मन में यही सवाल — “अब क्या करेंगे?” कुछ दुकानों में कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक सामान और परचून का पूरा स्टॉक मौजूद था, जो देखते ही देखते खाक हो गया।
खबर लिखे जाने तक आग पूरी तरह बुझ नहीं पाई थी, लेकिन राहत एवं बचाव कार्य तेज़ी से चल रहा है। सबसे राहत की बात यह है कि अभी तक किसी के घायल होने की खबर सामने नहीं आई है। यदि प्रशासन ने तेजी न दिखाई होती, तो यह घटना और भयावह हो सकती थी। बाजार की गहमागहमी अब सन्नाटे में बदल चुकी है, लेकिन राहत दल अब भी पूरी निष्ठा से आग पर काबू पाने में जुटा है।





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