रात के अंधेरे में बमों की गूंज, चीखते हुए घायल और दहशत में डूबी एक बस्ती… प्रयागराज के शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के नारीबारी गांव में 13 अप्रैल की रात को कुछ ऐसा ही मंजर देखने को मिला था। दो बाइक सवारों ने तेज रफ्तार में आकर अचानक बम फेंके और फिर अंधेरे में गायब हो गए। इस हमले में मध्यप्रदेश के रीवा जिले के चाकघाट निवासी भाजपा नेता रवी केसरवानी और उनके चालक वेद द्विवेदी गंभीर रूप से घायल हो गए। वारदात ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी थी और लोगों के दिलों में डर बैठ गया था। अब पुलिस ने इस हाई-प्रोफाइल बमकांड का खुलासा कर दिया है।
शंकरगढ़ पुलिस, एसओजी और सर्विलांस सेल की संयुक्त टीम ने तत्परता दिखाते हुए इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मुखबिर से मिली सूचना पर 29 अप्रैल को भारतनगर तालाब के पास घेराबंदी कर इन चारों को धरदबोचा गया। उनके पास से दो अवैध देसी बम, तीन मोबाइल फोन और घटना में प्रयुक्त एक मोटरसाइकिल भी बरामद की गई है। गिरफ्तार आरोपियों में वंश गौतम (19) और नीरज भारतीया (20) प्रयागराज के उमरपुर नीवा से हैं, जबकि आशीष जायसवाल (28) और भोला केसरवानी (35) मध्यप्रदेश के चाकघाट, रीवा से हैं।
पुलिस पूछताछ में मुख्य आरोपी भोला केसरवानी ने जो खुलासा किया, वो इस पूरी घटना की असली जड़ है। भोला और रवी पड़ोसी हैं और उनके बीच काफी समय से जमीन के कब्जे को लेकर विवाद चल रहा था। भोला ने बताया कि रवी अक्सर उसे नीचा दिखाता और अपमानित करता था। इसी अपमान का बदला लेने के लिए उसने अपने साथियों के साथ मिलकर बम से जानलेवा हमला करने की योजना बनाई। यह कोई अचानक लिया गया फैसला नहीं था, बल्कि सोची-समझी साजिश थी। इस खुलासे से साफ हो गया है कि राजनीतिक चादर के नीचे कितनी गहरी निजी दुश्मनियां पल रही हैं।
गिरफ्तारी के बावजूद अभी दो आरोपी फरार हैं – सोनू (निवासी भवंदरधरा, थाना बारा) और अमित भारतीया (निवासी प्रीतमनगर, थाना धूमनगंज)। पुलिस इनकी तलाश में लगातार दबिश दे रही है। वहीं, गिरफ्तार आरोपियों की आपराधिक पृष्ठभूमि भी चिंताजनक है। वंश गौतम पूर्व में लूट और चोरी के केस में नामजद है, जबकि नीरज पर लूट, हत्या के प्रयास और अभद्रता जैसे संगीन मामलों में केस दर्ज हैं। इनका आपराधिक रिकॉर्ड दर्शाता है कि वारदात को अंजाम देने के लिए कोई संकोच नहीं था, बल्कि पूरा नेटवर्क सक्रिय रूप से प्लानिंग में शामिल था।
पुलिस ने अब इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराएं 61(2), 317(2), 53 के साथ-साथ विस्फोटक अधिनियम की धाराएं 4/5 भी जोड़ दी हैं। कानूनी शिकंजा अब और कड़ा हो गया है। TKN Prime News इस घटना की कड़ी निंदा करता है और सवाल उठाता है — क्या हमारे राजनीतिक-सामाजिक रिश्ते इतनी नफरत से भर गए हैं कि अब हम एक-दूसरे को मिटाने की कोशिश में बमों का सहारा लेने लगे हैं? अगर हाँ, तो समाज को अब संवाद, समझदारी और न्याय की नई परिभाषा लिखनी होगी।





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