क्या आपका बैंक खाता सुरक्षित है? क्या आपको पता है कि साइबर अपराधी आपकी ही जानकारी का इस्तेमाल करके लाखों-करोड़ों की ठगी कर सकते हैं? इंदौर क्राइम ब्रांच ने ऐसे ही साइबर ठगों के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो फर्जी बैंक खाते किराए पर देकर ऑनलाइन धोखाधड़ी कर रहे थे। इन अपराधियों ने 3.4 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया, जिसके बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। इस रैकेट में शामिल अन्य लोगों की तलाश जारी है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर यह गिरोह कैसे काम करता था और कौन-कौन इसमें शामिल हैं?
इंदौर के डॉक्टर मोहन सोनी को शेयर ट्रेडिंग ऐप के जरिए ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट का लालच दिया गया। शुरुआती दौर में उन्हें छोटे निवेश पर अच्छा रिटर्न दिखाया गया, जिससे उनका विश्वास बढ़ गया। लेकिन जैसे ही उन्होंने बड़ी रकम निवेश की, उनका पैसा जालसाजों के हाथ में चला गया। इस गिरोह का मास्टरमाइंड शुभम नामदेव उर्फ शुभम संसारिया है, जो फिलहाल फरार है। हालांकि, पुलिस ने उसके साले अमन और साथी कुलदीप पगारे को धर-दबोचा है। यह सिर्फ एक केस नहीं है, बल्कि ऐसे कई पीड़ित हैं, जिनके खून-पसीने की कमाई इन ठगों की चालाकियों का शिकार बन चुकी है।
पुलिस जांच में यह सामने आया है कि ये साइबर ठग कई बैंक खातों को किराए पर लेते थे और ठगी के पैसे इन खातों में ट्रांसफर कर देते थे। क्राइम ब्रांच के डीसीपी राजेश त्रिपाठी और एडीसीपी राजेश दंडोतिया की टीम ने इस गिरोह की गतिविधियों पर महीनों तक नजर रखी, जिसके बाद कार्रवाई की गई। अब सवाल उठता है कि क्या साइबर ठगों का यह खेल यहीं खत्म होगा या फिर कुछ दिनों बाद नए मास्क के साथ फिर से शुरू हो जाएगा? क्या पुलिस इस पूरे नेटवर्क को जड़ से खत्म कर पाएगी या फिर यह साइबर ठग किसी नए तरीके से भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बनाते रहेंगे? जवाब प्रशासन के अगले कदम पर निर्भर करेगा!