देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाने के उद्देश्य से एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। बुधवार को भारत सरकार ने नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजरी बोर्ड में एक बड़ा बदलाव किया है। अब, पूर्व रॉ चीफ आलोक जोशी को बोर्ड का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है। इस बदलाव के बाद से सुरक्षा के लिहाज से भारतीय रणनीतियों में एक नई दिशा देखने को मिल सकती है। विशेष बात यह है कि आलोक जोशी के नेतृत्व में यह बोर्ड कई संवेदनशील मुद्दों पर विचार करेगा, जो देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं से निपटने में मददगार साबित होंगे।
आलोक जोशी के साथ इस बोर्ड में सात सदस्य होंगे, जिनमें तीनों सेनाओं के रिटायर्ड अधिकारी भी शामिल हैं। यह महत्वपूर्ण बदलाव भारत के लिए एक कठिन समय में आया है, जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ तनाव की स्थिति बनी हुई है। इस हमले ने भारत-पाकिस्तान संबंधों को और भी जटिल बना दिया है, और ऐसे में यह बदलाव सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता को दर्शाता है। आलोक जोशी जैसे अनुभवी और प्रख्यात अधिकारी के नेतृत्व में भारत अपनी सुरक्षा नीतियों को और भी सशक्त बनाने का प्रयास करेगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड में शामिल होने वाले अन्य सदस्यों में पूर्व पश्चिमी एयर कमांडर एयर मार्शल पीएम सिन्हा, पूर्व दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह, और रियर एडमिरल मॉन्टी खन्ना जैसे अनुभवी सैन्य अधिकारी भी शामिल होंगे। इसके अलावा, भारतीय पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त राजीव रंजन वर्मा और मनमोहन सिंह भी बोर्ड का हिस्सा होंगे। बी वेंकटेश वर्मा, जो पूर्व विदेश सेवा अधिकारी हैं, भी इस बोर्ड के सदस्य हैं। इन सभी विशेषज्ञों के अनुभव और समझ से इस बोर्ड को देश की सुरक्षा के मामलों में नई दिशा मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बदलाव की घोषणा के बाद बुधवार को चार महत्वपूर्ण बैठकें कीं, जिसमें सीसीएस (Cabinet Committee on Security), सीसीपीए (Cabinet Committee on Political Affairs), सीसीईए (Cabinet Committee on Economic Affairs), और कैबिनेट मीटिंग शामिल थीं। इन बैठकों में पाकिस्तान द्वारा किए गए सीमा पर सीजफायर उल्लंघन और आतंकवादी गतिविधियों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने कई कठोर कदम उठाए हैं, जिनके चलते पाकिस्तान अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घेराबंदी का सामना कर रहा है।
हालांकि, पाकिस्तान भारत के साथ बढ़ते तनाव के बावजूद अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान की ओर से बारमुला समेत कई क्षेत्रों में सीजफायर का उल्लंघन किया गया, और भारतीय सेना ने उसे मुंह तोड़ जवाब दिया। इससे यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान को भारतीय सुरक्षा तंत्र से कोई डर नहीं है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की कड़ी नीतियों से पाकिस्तान अब अंतरराष्ट्रीय दबाव महसूस कर रहा है। यह बदलाव, आलोक जोशी के नेतृत्व में, भारत के सुरक्षा तंत्र को और भी मजबूती प्रदान करेगा, और यह समय की आवश्यकता भी है।





Total Users : 13151
Total views : 31997