बड़ी खबर फिल्म आदिपुरुष के बाद एक और फिल्म 72 हूरें को लेकर धर्म और सियासत की लड़ाई शुरु हो गई है. ये फिल्म आगामी 7 जुलाई को रीलिज होने वाली थी, लेकिन सेंसर बोर्ड ने इसे पास करने से मना कर दिया है. वजह हालांकि साफ नहीं है. कई मुस्लिम संगठनों ने फिल्म को लेकर सख्त एतराज जताया है. निर्माता ने इसे अब डिजिटिल लॉन्च करने का फैसला किया है. सेंसर बोर्ड के इनकार के बाद भी मेकर्स ने 72 हूरें का ट्रेलर रिलीज कर दिया हैं। ’72 हूरें’ 7 जुलाई 2023 को 10 भाषाओं में रिलीज होगी. फिल्म में आमिर बशीर और पवन मल्होत्रा अहम किरदार निभा रहे हैं. फिल्म में उन युवाओं की कहानी को दिखाया गया है, जिनका ब्रेन वॉश करके ह्यूमन बॉम्बर बनाया जाता है. 72 हूरें फिल्म का टीजर जबसे रिलीज हुआ है, तबसे लगातार चर्चा में है. इस फिल्म के जरिए सीधे तौर पर आतंकवाद पर प्रहार किया गया है, और कई सारे कुख्यात आतंकवादियों के तर्ज पर इस फिल्म को बनाया गया है. फिल्म का निर्देशन संजय पूरण सिंह ने किया है.
विवादित मुद्दों पर फिल्म बनाने का ट्रेंड इन दिनों ज़ोरों पर है, पहले द कश्मीर फाइल्स और द केरल स्टोरी जैसी फिल्में आईं, जिनको लेकर खूब विवाद हुआ। इन विवाद का फायदा ये हुआ कि इन फिल्मों ने बंपर कमाई की. इसी लाइन पर एक और फिल्म आ रही है, और जिसका नाम है ’72 हूरें’.
फिल्म 72 हूरें का निर्देशन संजय पूरण सिंह चौहान ने किया है जो फिल्म लाहौर के लिए नेशनल अवॉर्ड जीत चुके हैं. इस फिल्म को लेकर वे चर्चा में हैं, जो सीधे तौर पर आतंकवाद और आतंकवादियों की मानसिकता पर प्रहार करती नजर आ रही है. फिल्म का टीजर काफी इंटेंस है. इसमें देखा जा सकता है कि, कैसे याकूब मेमन, ओसामा बिन लादेन, अजमल कसाब, मसूद अजहर, हाफिज सईद, सादिक सईद, बिलाल अहमद और हाकिम अली जैसे खूंखार आतंकवादियों का तस्वीर और नाम के साथ जिक्र है.
टीजर में साफतौर पर नजर आ रहा है कि, इसे आतंकियों के नापाक इरादों को टारगेट करते हुए बनाया गया है. लगभग एक मिनट के टीजर में ज्यादा कुछ तो डिस्क्लोज नहीं किया गया है, लेकिन ये तो बता ही दिया गया है कि जिस आतंकवाद ने आजादी के बाद देश में अपना वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश की, और देश को तोड़ने की कोशिश की, उस आतंकवाद की आखिर विचारधारा क्या है. आखिर वो कौन सी बात ऐसी है, जिस वजह से एक इंसान दूसरे इंसान का कत्ल करने के लिए तैयार हो जाता है.
टीजर में एक डायलॉग है, जिसमें वॉयसओवर कर रहा शख्स अपने खेमे को समझा रहा है, और कह रहा है कि- तुमने जो जिहाद का रास्ता चुना है, वो रास्ता तुम लोगों को सीधा जन्नत में लेकर जाएगा. तुम्हारी अनछुई हुई, तुम्हारी होंगी तुम्हारी हमेशा-हमेशा के लिए. डायलॉग से साफ है कि इसमें 72 हूरों का जिक्र किया गया है. आतंकियों ने इसी तरह सीधे-सादे लोगों को फंसा कर उन्हें 72 हूरों की लालच देकर उनका ब्रेन वॉश किया, और उन्हें आतंक के रास्ते पर लाकर खड़ा कर दिया.
आतंकवाद का नाता भारत के साथ पुराना रहा है. 26/11 हमले को भला कौन भूल सकता है. 1993 में हुए मुंबई बम ब्लास्ट को भला कौन भूल सकता है. ये ऐसी विभत्स घटनाएं हैं जिनके बारे में सोचकर ही इंसान की रूह कांप जाती है. ऐसे में 72 हूरें फिल्म के जरिए उसी टेररिज्म की मानसिकता पर वॉर किया गया है जिसने अपने आतंक से लोगों के दिलों में दहशत पैदा की. फिल्म के लिए संजय पहले ही नेशनल अवॉर्ड जीत चुके हैं. अब उनकी ये फिल्म 7 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज की जाएगी.