क्या आपने कभी सोचा है कि आपके आस-पास का साधारण-सा दिखने वाला कोई शख्स, जो दिनभर फोन में व्यस्त रहता है, दरअसल करोड़ों के सट्टा नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है? क्या पता, आपके ही मोहल्ले के एटीएम से निकल रहे पैसे, IPL मैच के हर चौके-छक्के पर दांव लगाने वालों की जेब में जा रहे हों! मध्यप्रदेश के जबलपुर से निकली इस कहानी में सस्पेंस, साजिश और सट्टे के उस जाल का खुलासा हुआ है, जो दिल्ली, एमपी और यहां तक कि दुबई तक फैला हुआ था। जबलपुर जीआरपी पुलिस ने ऑनलाइन गेमिंग और IPL सट्टेबाजी के ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो भोले-भाले लोगों के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल कर करोड़ों की काली कमाई को वैध बना रहा था। पुलिस ने इस रैकेट में शामिल दिल्ली, नरसिंहपुर और जबलपुर के पांच शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके पीछे मास्टरमाइंड संजीव अरोड़ा निकला — जो दिल्ली में बैठकर पूरे नेटवर्क को ऑपरेट कर रहा था।
इस सट्टेबाज गिरोह का खुलासा तब हुआ, जब स्टेशन परिसर में संदेहास्पद तरीके से घूम रहे शुभम लोधी नामक युवक को पुलिस ने पकड़ा। पूछताछ में जो जानकारी सामने आई, उसने पुलिस के होश उड़ा दिए। शुभम और उसके साथी शुभभ शर्मा भोले-भाले ग्रामीण और बेरोजगार युवाओं से संपर्क करते थे, उन्हें मोटी कमाई का लालच देकर उनके नाम से बैंक खाते खुलवाते थे। इन खातों से जुड़ी ATM कार्ड, सिम कार्ड और नेट बैंकिंग डिटेल्स सीधे दिल्ली में बैठे मास्टरमाइंड को भेज दी जाती थीं। जांच में पता चला कि इस गिरोह ने अब तक 47 अलग-अलग बैंक खाते खोले और बेच दिए थे, जिनमें रोजाना ₹10,000 से ₹1,00,000 तक के ट्रांजैक्शन किए जा रहे थे। ये सभी खाते IPL सट्टेबाजी और ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े लेनदेन के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे, जिनके जरिए दुबई से पैसे मंगवाए और ट्रांसफर किए जा रहे थे। पुलिस ने जब शुभम और शुभभ को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की, तब दिल्ली से संजीव अरोड़ा, जबलपुर से ऋषि कपूर और लखन ठाकुर की गिरफ्तारी की गई। गिरोह का नेटवर्क इतना मजबूत था कि एक क्लिक पर लाखों रुपये के सट्टे लगते थे और मिनटों में रकम का लेन-देन हो जाता था।