भोपाल एयरपोर्ट ने मंगलवार को इतिहास रच दिया, जब पहली बार भारतीय वायुसेना द्वारा संचालित बोइंग 777-300ER विमान की सफल ट्रायल लैंडिंग करवाई गई। यह पहली बार है जब मध्य प्रदेश के किसी भी एयरपोर्ट पर इस कैटेगरी के बड़े विमान ने लैंडिंग की है। एयरपोर्ट अधिकारियों के अनुसार, इस ट्रायल के सफल होने के बाद अब भोपाल से लंबी दूरी की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए संभावनाएं बढ़ गई हैं।
बोइंग 777-300ER अपने विशाल आकार और आधुनिक तकनीक के लिए जाना जाता है। 64.8 मीटर विंगस्पैन और 74 मीटर लंबाई वाले इस विमान को लंबी दूरी की उड़ानों के लिए खासतौर पर डिजाइन किया गया है। यह अब तक भोपाल एयरपोर्ट पर उतरने वाला सबसे बड़ा विमान है, जो 325 से 400 यात्रियों की क्षमता के साथ उड़ान भर सकता है। अभी तक भोपाल एयरपोर्ट पर अधिकतम 232 यात्रियों की क्षमता वाले विमान ही ऑपरेट किए जाते थे। एयरपोर्ट डायरेक्टर रामजी अवस्थी ने बताया कि इस ट्रायल से भोपाल एयरपोर्ट के इंफ्रास्ट्रक्चर को नए स्तर पर अपग्रेड किया गया है। रनवे की सुविधाओं को बढ़ाते हुए सुरक्षा मानकों को भी कैटेगरी-9 तक विकसित किया गया, जबकि पहले यहां कैटेगरी-7 तक की सुविधाएं ही उपलब्ध थीं।
इस खास विमान की एक और खासियत इसकी उड़ान क्षमता है। बोइंग 777-300ER बिना रीफ्यूलिंग के लगातार 17 घंटे तक उड़ान भर सकता है। इसमें दुनिया के सबसे शक्तिशाली GE90-115BL इंजन लगे हैं, जो इसे लंबी दूरी की उड़ानों के लिए सक्षम बनाते हैं। यह विमान भारत से अमेरिका जैसी लंबी दूरी की उड़ानें भी बिना रुके पूरी कर सकता है। इससे पहले इस्तेमाल किए जा रहे बोइंग 747 में यह क्षमता नहीं थी, जो इस नए एयरक्राफ्ट को और भी खास बनाती है।
सुरक्षा के मामले में भी यह विमान बेहद उन्नत है। इसमें एडवांस्ड डिफेंस टेक्नोलॉजी जैसे कि इंटीग्रेटेड डिफेंसिव इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट (AIDEWS) लगाया गया है, जो किसी भी इलेक्ट्रॉनिक खतरे से विमान की सुरक्षा करता है। इसके अलावा, लार्ज एयरक्राफ्ट इंफ्रारेड काउंटरमेजर्स (LAICRM) सेल्फ-प्रोटेक्शन सिस्टम से लैस यह विमान दुश्मन मिसाइलों को डिटेक्ट कर उन्हें जाम करने में सक्षम है।
फिलहाल भोपाल एयरपोर्ट पर सबसे बड़े रूप में A321 विमान (विंगस्पैन 34 मीटर) का संचालन होता है, लेकिन नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से विशेष अनुमति मिलने के बाद अब यहां VVIP कैटेगरी के बोइंग 777-300ER के संचालन की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं। यह ट्रायल सफल रहने के बाद माना जा रहा है कि भोपाल एयरपोर्ट भविष्य में लंबी दूरी की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए महत्वपूर्ण केंद्र बन सकता है।